ओमान में बंधक बनाए गए झारखंड के 30 लोग, CM हेमंत सोरेन ने विदेश मंत्री से मांगी मदद

बताया जा रहा है कि झारखंड के 30 मजदूर ओमान में पिछले सात महीने से बंधक बने हुए हैं. रोजी-रोटी कमाने ओमान गए मजूदरों को राजधानी मस्कट में बंदी बनाकर रखा गया है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
ओमान में बंधक बनाए गए झारखंड के 30 लोग, CM हेमंत सोरेन ने विदेश मंत्री से मांगी मदद

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन( Photo Credit : फाइल फोटो)

ओमान में फंसे झारखंड (Jharkhand) के 30 मजदूरों के मामले में राज्य सरकार ने संज्ञान लेते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मदद मांगी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने ट्वीट के जरिए विदेश मंत्री से आग्रह किया है कि ओमान में फंसे झारखंड के 30 लोगों की मदद के लिए मस्कट में भारतीय दूतावास को निर्देशित करते हुए सहायता करें. उन्होंने इन लोगों का शोषण करने वाली संबंधित कंपनी पर भी उचित कार्रवाई करने का भी आग्रह किया है.

Advertisment

यह भी पढ़ें: 4 बच्चों का बाप दूसरी शादी के चक्कर में पहुंचा जेल, हैरान कर देगा पूरा मामला

मुख्यमंत्री के इस ट्वीट पर मस्कट में भारतीय दूतावास ने भी जवाब दिया है और अपने ट्वीट में लिखा है, 'यह मामला हाल ही में दूतावास के संज्ञान में आया है. हम श्रमिकों के साथ-साथ संबंधित ओमानी अधिकारियों के संपर्क में हैं और कानूनी सलाह भी दी है. हम इन श्रमिकों के मुद्दों के समाधान की दिशा में आवश्यक समर्थन का विस्तार करेंगे.'

बताया जा रहा है कि झारखंड के 30 मजदूर ओमान में पिछले सात महीने से बंधक बने हुए हैं. रोजी-रोटी कमाने ओमान गए मजूदरों को राजधानी मस्कट में बंदी बनाकर रखा गया है. हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह और बोकारो जिले से 30 मजदूर रोजी-रोटी के लिए ओमान की राजधानी मस्कट गए थे. ये सभी जिस कंपनी में काम करते हैं, उसने सबको एक कमरे में बंद कर रखा है और इन्हें भरपेट भोजन भी नहीं दिया जा रहा है. 24 घंटे में सिर्फ एक बार खाना दिया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: पुलिस को चकमा देकर भागा यौन शोषण का आरोपी BJP विधायक, घर पर पड़ी थी रेड

कंपनी ने सात महीने से उन्हें वेतन भी नहीं दिया है. जब भी वे लोग वेतन मांगते हैं, उन्हें धमकी दी जाती है. मजदूरों ने किसी तरह फोन कर परिजनों से संपर्क साधकर इस मामले की जानकारी दी है. बताया गया है कि 2017 में हजारीबाग के विष्णुगढ़, गिरिडीह के बगोदर, बेरमो, नावाडीह, बोकारो और कोडरमा के मजदूरों को एक कंपनी में ट्रांसमिशन लाइन में काम करने का लालच देकर ओमान ले जाया गया. जून-2019 तक काम के बदले थोड़ा-बहुत वेतन मिला. जुलाई से वेतन बंद कर दिया गया. तब से उन्हें न वेतन मिल रहा है और न ही भरपेट भोजन. ओमान में प्रवासी ग्रुप के जरिए भी भारत के विदेश मंत्रालय को संदेश भेजा गया है. बताया गया है कि सबकी वीजा की अवधि खत्म हो गई है.

Source : News Nation Bureau

cm-hemant-soren jharkhand cm hemant soren Oman Jharkhand
      
Advertisment