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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)
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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने सोमवार को झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों को राज्य में लौटने की सशर्त अनुमति दी, जिन्हें जुलाई में भारी मात्रा में नकदी के साथ पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार किया गया था, ताकि वे अपने मूल राज्य में लौट सकें. न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति बिवास पटनायक की कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि तीन विधायकों (जामताड़ा से इरफान अंसारी, खिजरी (एसटी) से राजेश कच्छप और कोलेबिरा (एसटी) से नमन बिक्सल कोंगारी को राज्य के किसी भी विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए केवल झारखंड वापस जाने की अनुमति दी जाएगी.
हालांकि, पश्चिम बंगाल छोड़ने से पहले, इन तीनों विधायकों को राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सूचित करना होगा और झारखंड विधानसभा से पत्र की एक प्रति भी प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें उन्हें किसी भी सत्र में भाग लेने के लिए समर्थन साक्ष्य के रूप में आमंत्रित किया गया था. खंडपीठ ने यह भी फैसला सुनाया कि झारखंड विधानसभा के किसी भी सत्र में भाग लेने के बाद तीनों विधायकों को 24 घंटे के भीतर कोलकाता वापस आना होगा.
आपको बता दें कि 30 जुलाई 2022 की शाम को पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के रानीहाटी में विधायकों को बैंक नोटों के बैग के साथ पकड़ा गया था. नोटों की गिनती की गई तो कुल राशि 48 लाख रुपए निकली. ये तीनों विधायक दो अन्य सहयोगियों के साथ एक एसयूवी में यात्रा कर रहे थे. खुफिया सूचनाओं के आधार पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इस एसयूवी पर झारखंड के जामताड़ा विधायक का बोर्ड लगा था. बताया गया कि पुलिस हिरासत में लिए गए तीनों विधायक गाड़ी में मिले नकदी के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके.
कलकत्ता उच्च न्यायालय में कुछ दौर के कानूनी विचार-विमर्श के बाद, तीन विधायकों को 17 अगस्त को जमानत दे दी गई थी. हालांकि, अदालत ने उन्हें अगले आदेश तक कोलकाता छोड़ने से रोक दिया.
हाल ही में, तीन विधायकों ने फिर से कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बागची और न्यायमूर्ति पटनायक की खंडपीठ से झारखंड विधानसभा सत्र में उपस्थित होने की अनुमति के लिए प्रार्थना की. उसी के आधार पर हाईकोर्ट ने उनकी अपील को सशर्त मंजूरी दे दी.
Source : IANS