झारखंड के दुमका में 9 वर्ष पुराने भूमि विवाद से जुड़े हत्या के एक मामले में अदालत ने 23 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवाशीष महापात्र की अदालत ने 9 साल पुराने हत्या के एक मामले में 8 महिलाओं सहित कुल 23 आरोपियों को दोषी करार देते हुए शनिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई. भादंवि की धारा 307 और 149 के तहत भी उन्हें 7 साल की कैद की सजा और एक-एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई. जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
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अदालत ने हंसडीहा थाना क्षेत्र के बलवारा गांव के पवन चौधरी, अंचित इस्सर, दीपक राउत, नन्दलाल राउत, शिवशरण राउत, ठाकुर देव राउत, अनिरुद्ध राउत, सुदर्शन राउत, वंशराज राउत, काटून राउत, परशुराम राउत, अंग्रेजी राउत, अविनाश राउत, भगलु राउत, नकुल राउत, कांति देवी, दुलारी देवी, कमली देवी, जूली देवी, रीता देवी, कारी देवी, फूलवती देवी और कल्याणी देवी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 149 के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
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18 नवंबर, 2010 को धान काटने के दौरान हुई मारपीट और हत्या के इस मामले की प्राथमिकी हंसडीहा थाना क्षेत्र के बनवारा गाँव के दिलीप कुंवर ने दर्ज कराई थी. प्राथमिकी के मुताबिकॉ, 18 नवम्बर 2010 को जब वह और परिवार के लोग अपनी जमीन पर धान काटने के लिए गए हुए थे, तभी उनके गांव के निवासी और मामले में दोषी साबित लोग हथियार, रॉड, भाला, फरसा, लाठी और बम से लैस होकर वहां पहुंचे तथा जबरन धान काटने लगे. नकुल राउत बम चलाने लगा और फायरिंग भी करने लगा. सिर पर चोट लगने से गंभीर रूप से घायल सत्यनारायण कुंवर को बेहतर इलाज के लिए सरैयाहाट अस्पताल से दुमका और फिर दुमका से सिउड़ी ले जाया जा रहा था कि रास्ते उसकी मौत हो गई. यह मामला दोनों पक्षों में 16 बीघे खेती के विवाद से जुड़ा हुआ है. इस मामले में 27 नवम्बर 2019 को इसी अदालत ने दूसरे पक्ष के भी 23 लोगों को तीन-तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी.
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