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मोदी सरकार ने क्यों खत्म की फारुक अब्दु्ल्ला की नजरबंदी, यहां जानें

फारुख अब्‍दुल्‍ला पिछले साल 15 सितंबर से नजरबंद थे. पिछले साल 5 अगस्‍त को राज्‍य में अनुच्‍छेद 370 की समाप्‍ति का ऐलान किया गया था.

Updated on: 15 Mar 2020, 11:30 AM

नई दिल्ली:

नेशनल कॉफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) को करीब 7 महीनों की नजबंदी के बाद रिहा कर दिया है. फारुख अब्‍दुल्‍ला पिछले साल 15 सितंबर से नजरबंद थे. पिछले साल 5 अगस्‍त को राज्‍य में अनुच्‍छेद 370 की समाप्‍ति का ऐलान किया गया था. फारुख अब्‍दुल्‍ला के साथ उमर अब्‍दुल्‍ला (Omar Abdulla) और महबूबा मुफती (Mehbooba Mufti) को भी नजरबंद किया गया था. नजरबंदी की सीमा समाप्‍त होने के बाद इन्‍हें जनसुरक्षा कानून के तहत पाबंद कर दिया गया था.

मोदी सरकार (Modi Government) ने फारुख अबदुल्ला की नजरबंदी खत्म करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था. सरकार की ओर से आखिरकार ये आदेश क्यों दिया गया इस बारे में आईबी के विशेष निदेशक और रॉ के प्रमुख रह चुके ए. एस. दुलत का कहना है कि ये फैसला फारुक की उनसे मुलाकात के बाद लिया गया है.

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दुलत के मुताबिक फारुक ने इस मुलाकात के दौरान बताया था कि वो इस देश के खिलाफ नहीं हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुलत जब कश्मीर दौरे के लिए गए थे तो तब वह मिशन फारुक पर ही थे और उनके इस मिशन की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और NSA अजित डोभाल को भी थी.

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खबरों की मानें तो दुलत ने कहा कि फारुक ने मुलाकात के दौरान कहा कि वह भारत के लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है और उन्होंने अपने बच्चों को भी इसी तरह से पाला है. दुलत ने बताया कि मिशन फारुक से लौटने के एक महीने बाद उन्हें नजरबंदी से रिहा किया गया. दुलत की मानें तो उन्होंने पिछले साल नवंबर में भी फारुक से मिलने की इच्छा जाहिर की थी हालांकि उस वक्त गृह मंत्रालय की तरफ से कोई फोन नहीं आया. इसके बाद 9 फरवरी को गृह मंत्रालय की तरफ से उनके पास फोन किया गया कि अगर वह कश्मीर जाना चाहते हैं तो जो सकते हैं.