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Vaishno Devi Yatra: जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश और त्रिकुटा पहाड़ियों में भूस्खलन के चलते माता वैष्णो देवी यात्रा बीते कई दिनों से रद्द की जा रही है. ऐसे में माता वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले भक्तों में खासी निराशा है. श्रद्धालू चाहते हैं कि जैसे ही यात्रा शुरू हो तो उन्हें पता चले यही कारण है कि माता वैष्णो देवी के भक्त लगातार इसके अपडेट जानते रहते हैं. बता दें कि एक बार फिर यानी शनिवार को लगातार भी यात्रा से जुड़ा अपडेट सामने आया है. 12वें दिन भी यात्रा को स्थगित कर दिया गया है. दरअसल तीर्थ मार्ग पर सुरक्षा जोखिम बढ़ने के कारण श्रद्धालुओं की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है.
भारी बारिश से रास्ते अवरुद्ध, श्रद्धालु असमंजस में
कटड़ा से वैष्णो देवी भवन तक लगभग 12 किलोमीटर लंबा मार्ग इन दिनों पूरी तरह असुरक्षित हो गया है. जगह-जगह पर हुए भूस्खलन और चट्टानों के गिरने से सड़कें और पैदल रास्ते बाधित हैं. इस कारण श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को रोके रखा गया है.
26 अगस्त की आपदा: 34 लोगों की मौत, कई घायल
इस स्थगन की शुरुआत 26 अगस्त को हुई, जब इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास अर्धकुंवारी क्षेत्र में भीषण भूस्खलन हुआ. हादसा दोपहर लगभग 3 बजे हुआ, जिसमें 34 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना माता वैष्णो देवी यात्रा इतिहास की एक बड़ी त्रासदी बन गई.
उपराज्यपाल ने दिए जांच के आदेश
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो स्वयं श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, ने घटना की जांच के लिए एक तीन-सदस्यीय उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है. इसकी अध्यक्षता जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन काबरा कर रहे हैं. समिति में जम्मू के संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक भी शामिल हैं। समिति को दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपनी है.
डोडा जिले में बादल फटा, सेना ने संभाला मोर्चा
इसी बीच डोडा जिले के भद्रवाह क्षेत्र में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. गांवों का संपर्क कट गया था, लेकिन सेना की 4 राष्ट्रीय राइफल्स इकाई ने 18 घंटे के भीतर अस्थायी लकड़ी का पुल बनाकर संपर्क बहाल कर दिया. बेजा, श्रेखी, कट्यारा और बुटला जैसे गांवों के निवासी मुख्य शहर से अलग-थलग पड़ गए थे.
सुरक्षा सर्वोपरि
इन प्राकृतिक आपदाओं ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में सतर्कता और सुरक्षा ही सर्वोपरि है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए वैष्णो देवी यात्रा का स्थगन एक आवश्यक कदम है, और प्रशासन की तत्परता सराहनीय है.
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