सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी को कश्मीर में किया गिरफ्तार, दो साल से श्रीनगर में बनाया था ठिकाना

श्रीनगर में रह कर जम्मू एवं कश्मीर के बारामूला जिले में आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर रहा था

श्रीनगर में रह कर जम्मू एवं कश्मीर के बारामूला जिले में आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर रहा था

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Sushil Kumar
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सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी को कश्मीर में किया गिरफ्तार, दो साल से श्रीनगर में बनाया था ठिकाना

प्रतीकात्मक फोटो

सुरक्षाबलों ने बुधवार को मीडिया के सामने पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को पेश किया. सुरक्षाबलों ने बताया कि वह दो साल से श्रीनगर में रह रहा था और अब जम्मू एवं कश्मीर के बारामूला जिले में फिर से आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर रहा था. सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल के. जे. एस. ढिल्लन और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने संयुक्त प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहने वाले पाकिस्तानी नागरिक वकार अहमद को बारामूला जिले के पट्टन क्षेत्र से कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया गया.

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बारामूला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अब्दुल कयूम ने कहा कि आतंकवादी को जुलाई 2017 में जम्मू एवं कश्मीर में घुसपैठ करने से पहले चार महीने तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में प्रशिक्षित किया गया था. उन्होंने कहा कि वकार दो साल से श्रीनगर शहर में काम कर रहा था और अब बारामूला जिले में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने की कोशिश कर रहा था. अधिकारी ने कहा, "उसे रावलपिंडी में (लश्कर के) जकी-उर-रहमान लखवी के घर पर एक महीने तक प्रशिक्षण भी दिया गया था.

आतंकवादी ने मीडिया को बताया कि मुजफ्फराबाद के प्रशिक्षण केंद्र में उसके संचालकों ने उसे बताया कि भारतीय सुरक्षा बल कश्मीर में महिलाओं के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं और इस्लामी इबादत नहीं करने दे रहे हैं. उसने कहा कि यह सब तब गलत साबित हुआ जब उसने कश्मीर घाटी में खुद जमीनी हालात देखे. लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन ने कहा कि यह गिरफ्तारी एक और सबूत है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को प्रशिक्षित कर रहा है और जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन कर रहा है. दिलबाग सिंह ने कहा कि पिछले साल राज्य में 272 आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया.

कोर कमांडर ने कहा, "2019 में, सुरक्षा बल अब तक 69 आतंकवादियों को मार चुके हैं. पुलवामा आतंकी हमले के बाद हमने 41 आतंकवादियों को मार गिराया है, जिनमें से 25 जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) संगठन के थे. उन्होंने कहा, "जेईएम के पूरे नेतृत्व को समाप्त कर दिया गया है. अब कोई भी घाटी में संगठन का नेतृत्व करने के लिए तैयार नहीं है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी रैंकों में शामिल होने वाले स्थानीय युवाओं की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है. उन्होंने कहा, "पिछले सालों की तुलना में 2018 के दौरान पथराव की घटनाओं में कमी आई है. पुलिस प्रमुख ने कहा कि सुरक्षा बलों का हालात पर पूरी तरह से नियंत्रण है. उन्होंने दावा किया, "हालात में तेजी से सुधार हो रहा है."

Source : IANS

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