New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2020/01/22/dsp-devendra-singh-13.jpg)
निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
आतंकवादियों के साथ पकड़े गए जम्मू-कश्मीर के निलंबित पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह से जुड़े एक मामले के सिलसिले में सुरक्षा एजेंसियों ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि एक आतंकवादी के रिश्तेदार इरफान मुश्ताक को दविंदर सिंह के साथ गिरफ्तार किया गया था और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम उनसे पूछताछ कर रही है.
यह भी पढे़ंःPM नरेंद्र मोदी गणतंत्र दिवस के दिन पर शाम 6 बजे करेंगे मन की बात
मामले की जांच अपने हाथ में लेने वाली एनआईए इन चारों-सिंह, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के तथाकथित कमांडर नावेद मुश्ताक उर्फ बाबा, उसके साथियों आसिफ तथा इरफान मीर को यहां ट्रांजिट रिमांड पर लाई है. उन्हें बृहस्पतिवार को एक अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. इन चारों को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर काजीगुंड के निकट 18 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद दविंदर सिंह को निलंबित कर दिया गया था.
उसके आवास पर की गई छापेमारी में दो पिस्तौल, एक एके राइफल और काफी गोला बारूद बरामद किया गया था. मामला दर्ज किये जाने के बाद एनआईए ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम पुलिस थाने में बंद सिंह और अन्य से पूछताछ के लिए एक टीम को भेजा है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह के आतंकियों से संबंधों को लेकर एक अहम सबूत खुफिया एजेंसियों के हाथ लगे हैं. आईबी सूत्रों के मुताबिक, साल 2005 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली में पांच संदिग्ध आतंकियों को अलग-अलग इलाकों से पकड़ा था. पकड़े गए आतंकियों के कब्जे से एके-47 (AK-47) और काफी संख्या में नकली करेंसी भी बरामद हुई थी. जांच में पता चला था कि ये सभी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए काम कर रहे थे. इनमें से एक संदिग्ध आतंकी का नाम था- हाजी गुलाम मोइनुद्दीन डार उर्फ जाहिद.
पूछताछ के दौरान आरोपियों के पास से एक चिट्ठी बरामद हुई थी, जिसे देविंदर सिंह ने अपने लेटर हेड पर लिखा गया था. उस दस्तावेज में लिखा था- हाजी गुलाम मोइनुद्दीन डार जो पुलवामा के रहने वाले हैं उसे अपने साथ एक पिस्टल और वायरलेस सेट ले जाने की इजाजत दी जाए. सभी फोर्स से अनुरोध किया गया था कि डार को हमेशा बिना कोई पूछताछ, जांच पड़ताल के जाने दिया जाए, कहीं भी उसे रोका नहीं जाए यानी उसे सेफ पैसेज दिया जाए.
यह भी पढे़ंःकांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को चार दिन बाद मिली जमानत, इस मामले में हुए थे गिरफ्तार
इस महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट को आरोपी देविंदर सिंह ने अपने लेटर हैड पर अपने हस्ताक्षर सहित दिया था. खास बात ये है कि ये लेटर 2001 में लिखा गया था, जिसे ये आतंकी पुलिस के शिकंजे से बचने के लिए कर रहा था. आईबी के सूत्रों के मुताबिक, गुलाम मोइनुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उस वक्त देवेंद्र सिंह से बातचीत की थी और उस मामले में जानकारी मांगी थी. तब देवेंद्र सिंह ने फोन करके उस खत को खुद के हाथ से लिखे जाने की बात को काबुल किया था. इसी बात का फायदा कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान आतंकी डार को मिल गया था और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को मुंह की खानी पड़ी थी.
हैरानी की बात ये भी है कि उस वक्त एमआई यानी मिलिट्री इंटेलिजेंस ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को आतंकी डार के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन देविंदर के लिखे लेटर के कारण उस वक्त डार बच गया था. एनआईए के अधिकारियों से ऑफ रिकॉर्ड जब इस खत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जब देविंदर सिंह को दिल्ली मुख्यालय में पूछताछ के लिए लाया जाएगा तो अवश्य ही इस मामले पर भी विस्तार से पूछताछ की जाएगी.