रजनी बाला की हत्या के बाद कश्मीर में तैनात हिंदू टीचर्स फूटा गुस्सा
टीचर रजनी बाला की आतांकियों द्वारा की गई टारगेट किलिंग के बाद कश्मीर में काम कर रहे जम्मू के हिंदू टीचर भी घाटी से जम्मू ट्रांसफर करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं.
जम्मू-कश्मीर:
टीचर रजनी बाला की आतांकियों द्वारा की गई टारगेट किलिंग के बाद कश्मीर में काम कर रहे जम्मू के हिंदू टीचर भी घाटी से जम्मू ट्रांसफर करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं. साम्बा की रजनी बाला की घाटी में आतांकियों द्वारा की गई निर्मम हत्या के बाद अब कश्मीर में काम कर रहे जम्मू के टीचर भी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. जम्मू में गुरुवार को घाटी से आए इन टीचर्स ने एक लंबा मार्च निकाला. इस दौरान उनकी पुलिस से हल्की धक्का मुक्की भी हुई, लेकिन बाद में पुलिस ने टीचर्स को अंबेडकर चौक तक मार्च करने की इजाजत दे दी.
कश्मीर से आए इन टीचर्स का कहना था कि घाटी में पिछले कुछ महीनों से लगतार टारगेट किलिंग हो रही है. आतंकी सीधे तौर पर हिन्दू समुदाय के लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. ऐसे में सभी हिन्दू कर्मचारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. जम्मू में प्रदर्शन कर रहे टीचर की बात करे तो रजनीबाला समेत से सभी टीचर 2007 के बाद इंटर डिस्ट्रिक्ट और आल रिजर्व कैटेगरी के तहत कश्मीर घाटी में नियुक्त हुए थे. पिछले डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय से ये घाटी में काम कर रहे थे. ये पहला मौका है जब सीधे तौर पर इन लोगों को भी आतांकियो द्वारा अपना निशाना बना रहे हैं. ऐसे में इस बार ये लोग भी सरकार से सुरक्षा की बजाये खुद के रिलोकेशन की मांग कर रहे हैं.
उधर, PM पैकेज के तहत घाटी में काम कर रहे कश्मीरी पंडित अभी भी अपनी रिलोकेशन की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. जम्मू के जगती टाउनशिप में बुधवार को इस मांग को लेकर कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन भी किया और कुछ देर के लिए जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे को जाम भी कर दिया. कश्मीर में हुई टारगेट किलिंग के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार पहले ही कश्मीरी पंडितों और कश्मीर में काम कर रहे दूसरे हिन्दू कर्मचारियों को सुरक्षित जगहों पर ट्रांसफर करना का प्लान बना चुकी है और 6 जून से पहले उन्हें ट्रांसफर भी कर दिया जाएगा.
शुक्रवार को गृहमंत्री के साथ जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल और सभी दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों की टारगेट किलिंग को लेकर भी एक बड़ी बैठक होने जा रही है, जिसमें टारगेट किलिंग को रोकने के लिए बड़े फैसले भी लिए जा सकते हैं. लेकिन फिलहाल सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती कश्मीरी पंडितों को लेकर है जो कश्मीर से मास पलायन पर अड़े हुए हैं.
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