बड़ा खुलासा: सस्पेंड DSP देविंदर पिछले साल आतंकवादियों को लाए थे जम्मू

जम्मू-कश्मीर पुलिस के निलंबित उपाधीक्षक दविंदर सिंह हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी नावीद बाबू को पिछले वर्ष जम्मू ले गया था और उसके आराम तथा स्वास्थ्य लाभ के बाद शोपियां लौटने में भी उसकी मदद की थी.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
बड़ा खुलासा: सस्पेंड DSP देविंदर पिछले साल आतंकवादियों को लाए थे जम्मू

देविंदर सिंह( Photo Credit : फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर पुलिस के निलंबित उपाधीक्षक देविंदर सिंह हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी नावीद बाबू को पिछले वर्ष जम्मू ले गया था और उसके आराम तथा स्वास्थ्य लाभ के बाद शोपियां लौटने में भी उसकी मदद की थी. उससे पूछताछ करने वाले अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पूछताछ करने वाले एक अधिकारी ने सिंह के हवाले से बताया, ‘मेरी मति मारी गई थी.’

Advertisment

एक बड़े आतंकवादी को पकड़ने की कहानी के माध्यम से जब वह जांचकर्ताओं को संतुष्ट नहीं कर पाया तब उसने यह बात कही. सिंह को शनिवार को नावीद बाबू उर्फ बाबर आजम और उसके सहयोगी आसिफ अहमद के साथ पकड़ा गया था. आजम दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के नाजनीनपुरा का रहने वाला है. अधिकारियों ने बताया कि उपाधीक्षक ने दोनों को चंडीगढ़ में कुछ महीने तक आवास मुहैया कराने के लिए कथित तौर पर 12 लाख रुपये लिए थे.

इसे भी पढ़ें:हिजबुल मुजाहिद्दीन के इस कमांडर के संपर्क में था DSP देविंदर सिंह, जांच में यह भी हुआ खुलासा

अधिकारियों ने कहा कि उसके बयानों में काफी अनियमितताएं हैं और हर चीज की जांच की जा रही है और पकड़े गए आतंकवादियों के बयान से उसका मिलान किया जा रहा है. उनको दक्षिण कश्मीर के पूछताछ केंद्र में अलग-अलग कमरों में रखा गया है. अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि सिंह उन्हें 2019 में जम्मू लेकर गया था.

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि डीएसपी आतंकवादियों को आराम कराने और स्वास्थ्य लाभ के लिए ले जाता था. उन्होंने कहा कि नावीद ने पूछताछ करने वालों को बताया कि वे पहाड़ी इलाकों में रहते थे ताकि जम्मू-कश्मीर पुलिस से बच सकें और कड़ाके की ठंड से बचने के लिए वहां से हट जाते थे.

अधिकारी ने कहा कि डीएसपी के बैंक खाते एवं अन्य संपत्तियों का आकलन पुलिस कर रही है और कागजात जुटाए जा रहे हैं. इस तरह के कयास हैं कि मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा जा सकता है. सिंह के सेवा इतिहास के बारे में जम्मू-कश्मीर पुलिस के कई सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों ने कहा कि अगर प्रोबेशन काल में ही अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई होती तो ऐसी बात नहीं होती.

और पढ़ें:J&K पुलिस को दावा- DSP दविंदर सिंह को कभी नहीं मिला राष्ट्रपति पदक

1990 में उपनिरीक्षक के तौर पर भर्ती हुए सिंह एवं एक अन्य प्रोबेशनरी अधिकारी पर अंदरूनी जांच हुई थी जिसमें एक ट्रक से मादक पदार्थ जब्त किए गए थे. अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधित पदार्थ को सिंह और एक अन्य उपनिरीक्षक ने बेच दिया था. उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का कदम उठाया गया था लेकिर महानिरीक्षक स्तर के एक अधिकारी ने मानवीय आधार पर उसे रोक दिया था और दोनों को विशेष अभियान समूह में भेज दिया गया था.

Devinder Singh Terrorist Terrorist In Jammu And Kashmir Jammu and Kashmir
      
Advertisment