मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की टिप्पणियों को रिकार्ड से हटाने के विधानसभा अध्यक्ष के आदेश के बाद मंगलवार को जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई भाजपा विधायक राजीव जसरोटिया अपनी सीट पर खड़े हो गए और उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता से मुख्यमंत्री द्वारा सोमवार को की गई टिप्पणी को रिकार्ड से हटाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि जो लोग संविधान के अनुच्छेद 370 का विरोध कर रहे हैं वे 'राष्ट्रविरोधी' हैं। विधानसभा अध्यक्ष, राजीव से सहमत हुए और उनकी मांग के अनुरूप आदेश दिया। संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ है।
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इस पर नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और अन्य दलों के सदस्यों ने यह कहते हुए हंगामा शुरू कर दिया कि टिप्पणियां हटाने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मांग मुख्यमंत्री में पार्टी के अविश्वास जताने के समान है।
विपक्ष ने सरकार से बयान की मांग की। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्ष ने अपनी मांग जारी रखी जिससे अध्यक्ष को कार्यवाही फिर स्थगित करने पर मजबूर होना पड़ा।
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जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में ऐसा पहली बार हुआ है कि सदन के नेता की टिप्पणियों को रिकार्ड से हटा दिया गया है। जम्मू एवं कश्मीर में पीडीपी और भाजपा गठबंधन की सरकार है।
Source : IANS