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कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाना भारी भूल, अब भारत से नहीं है कोई रिश्‍ता : खालिदा शाह

अवामी नेशनल कान्फ्रेंस की अध्यक्ष और शेख मुहम्मद अब्दुल्ला की बड़ी बेटी खालिदा शाह का कहना है कि भारत सरकार ने अनुच्छेद-370 को खत्म कर एक भारी भूल की है. यह कदम लोगों की गरिमा को ठेस पहुंचाने और कश्मीरियों को गुलाम बनाने के लिए उठाया गया है.

Updated on: 03 Dec 2019, 11:59 AM

श्रीनगर:

अवामी नेशनल कान्फ्रेंस की अध्यक्ष और शेख मुहम्मद अब्दुल्ला की बड़ी बेटी खालिदा शाह का कहना है कि भारत सरकार ने अनुच्छेद-370 को खत्म कर एक भारी भूल की है. यह कदम लोगों की गरिमा को ठेस पहुंचाने और कश्मीरियों को गुलाम बनाने के लिए उठाया गया है. आईएएनएस से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत ने कश्मीर पर बंदूक के दम पर अख्तियार कर लिया है और इसे केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिए जाने के बाद विधानसभा चुनाव का कोई मायने नहीं रह गया है. जो लोग कश्मीर के लिए अनुच्छेद-371 की वकालत कर रहे हैं, वे देशद्रोही हैं. उन्होंने कश्मीर से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बातचीत की.

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प्रश्न : क्या आपने कभी सोचा था कि अनुच्छेद 370 को खत्म किया जा सकता है और 35ए भी चला जाएगा?
उत्तर : नहीं, मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि वे इस स्तर तक जाएंगे, लेकिन मुझे हमेशा पता था कि वे इस तरह की चीजें कर सकते हैं.

प्रश्न : उन्होंने ऐसा क्यों किया?
उत्तर : वे मूर्ख और अनुभवहीन लोग हैं, उन्होंने हमेशा गुजरात या दूसरे सूबों पर हुकूमत करने के लिए ताकत का इस्तेमाल किया है. उन्होंने हमेशा सत्ता के माध्यम से लोगों को कुचला है. उन्हें ऐसी चीजें करने की आदत हो गई है.

प्रश्न : अनुच्छेद-370 को खत्म करने के क्या निहितार्थ हो सकते हैं?
उत्तर : उन्हें चीजों की समझ नहीं है, वे कश्मीरियों को नष्ट करने की सोच रहे हैं, लेकिन कश्मीरी अकेले ही गर्त में नहीं जाएंगे, वे उन्हें भी साथ ले जाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा हो.

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प्रश्न : मगर कैसे?
उत्तर : कश्मीरी अभी चुप्पी बनाए हुए हैं, लेकिन एक दिन आएगा जब सभी के गुस्से का गुबार फूटेगा और तब हालात बेकाबू हो जाएंगे.

प्रश्न : ऐसी धारणा थी कि अगर 370 गया तो लोग विरोध करेंगे, सड़कों पर उतरेंगे व प्रदर्शन करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, लोगों ने अलग प्रतिक्रिया दी है?
उत्तर : ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि अनुच्छेद 370 के खत्म होने से ठीक पहले श्रीनगर के गुपकर रोड पर सभी पार्टियों की बैठक हुई थी. लोगों से कहा गया था कि वे शांत और सतर्क रहें और ऐसा कुछ न करें जिससे चीजें उलझें. इसलिए उन्होंने हिंसा का सहारा नहीं लिया और न पथराव किया. मुझे लगता है कि ये अल्लाह की मेहरबानी है.

प्रश्न : आपके मुताबिक, आगे का रास्ता क्या है?
उत्तर : आगे का रास्ता वही है जो हम अभी कर रहे हैं, अपने संघर्ष को आगे बढ़ाना और जागरूकता पैदा करना.

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प्रश्न : क्या आपको लगता है कि केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की अब कोई प्रासंगिकता है?
उत्तर : हां, अब इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है.

प्रश्न : अब आप चुनाव में हिस्सा लेंगी?
उत्तर : नहीं, चुनाव में हिस्सा लेने का कोई मतलब नहीं है. हमें पहले हमारा हक दिया जाना चाहिए. हम चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते. हमें कचरा समझ लिया गया है.

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प्रश्न : आपके मुताबिक, अब भारत के साथ कश्मीर का क्या संबंध है?
उत्तर : अब भारत के साथ कोई रिश्ता ही नहीं है.

प्रश्न : लेकिन कश्मीर तो भारत के नियंत्रण में है?
उत्तर : कश्मीर पर बंदूक के दम पर अख्तियार कर लिया गया है. जम्हूरियत खत्म कर दी गई है.