Jammu Kashmir Elections 2024: जहां एक तरफ देश की सियासत में हलचल तेज है तो वहीं जम्मू-कश्मीर में लगभग 10 साल के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और इस चुनाव में उत्तर प्रदेश में चल रहे बुलडोजर एक्शन की भी चर्चा हो रही है. गुरुवार को जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल में इस मुद्दे को उठाया और यूपी की सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए, जिसके बाद अब जम्मू-कश्मीर में सियासी हलचल और गरमा गई है.
उमर अब्दुल्ला का बुलडोजर एक्शन पर कड़ा विरोध
आपको बता दें कि अब्दुल्ला ने अपने भाषण में कहा कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, वह पूरी तरह से अवैध है. उन्होंने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस तरह की कार्रवाइयों की निंदा की और कहा कि यह कानून के दायरे में नहीं आता. अब्दुल्ला ने यह भी आरोप लगाया कि यूपी में मस्जिदों और मदरसों को बंद करने की कोशिश की जा रही है और यह कदम मुसलमानों को कलंकित करने के लिए उठाए जा रहे हैं.
वहीं उमर अब्दुल्ला ने अपने भाषण में कहा, ''हर बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आदेश पर मुसलमानों को निशाना बनाया जाता है.'' उन्होंने यूपी की बुलडोजर नीति की तुलना कर्नाटक की हिजाब विवाद से की और कहा कि जब भी कर्नाटक में बीजेपी सत्ता में आती है, हमारी माताओं और बहनों को हिजाब उतारने के लिए मजबूर किया जाता है. उमर अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर को ऐसी ताकतों से बचाने की जरूरत है, जो यहां भी यूपी जैसी स्थिति उत्पन्न करना चाहती हैं.
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
वहीं आपको बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए इन कार्यवाहियों को उचित नहीं ठहराया. कोर्ट ने कहा कि यह एक संवैधानिक और कानूनी मुद्दा है और जल्द ही इस पर विस्तृत आदेश दिया जाएगा. इस टिप्पणी के बाद बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल खड़े होने लगे हैं. कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने न केवल यूपी सरकार के फैसलों पर सवाल उठाए, बल्कि उन राज्यों में भी बहस शुरू कर दी जहां इस तरह की कार्रवाइयां की जा रही हैं.
अखिलेश यादव का हमला
बता दें कि इससे पहले, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी यूपी में बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए योगी सरकार की आलोचना की थी. अखिलेश ने कहा, ''सोचो, न्यायालय का कैसा बुलडोजर चला कि अब असली बुलडोजर नहीं चल सकता.'' उन्होंने पूछा कि क्या अब योगी सरकार उन मकानों को गिराए जाने के लिए माफी मांगेगी, जो अवैध तरीके से गिराए गए थे. अखिलेश ने बुलडोजर को भय और आतंक का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह सरकार द्वारा जनता को डराने और धमकाने का साधन बन गया है. सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार की इस नीति पर अब रोक लग सकती है.
जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पर असर
इसके अलावा आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के चुनावों में बुलडोजर कार्रवाई का जिक्र होना यह संकेत देता है कि यह मुद्दा केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहा है. यह कार्रवाई देश के अन्य हिस्सों में भी चर्चा का केंद्र बन रही है, खासकर जहां विपक्षी दल इसे अल्पसंख्यक के लोग मौजूद हैं.