Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद जहां भारत में गम और गुस्से का माहौल है, वहीं पाकिस्तान ने हमले के बाद से चुप्पी साध रखी थी, लेकिन अब उसे भारत का डर सता रहा है. दरअसल पीएम मोदी के भारत लौटने वक्त ही उन्होंने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए पाकिस्तानी एयरस्पेस का इस्तेमाल नहीं किया. ऐसे में पाकिस्तान को डर सता रहा है कि कहीं भारत कोई बड़ी कार्रवाई न कर दे. यही नहीं वजह है कि पाकिस्तान की ओर से रिएक्शन भी सामने आ गया है.
पहलगाम हमले पर क्या बोला पाकिस्तान
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमलें के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया सामने आई है. हालांकि अपने बयान में पाकिस्तान बौखलाया नजर आ रहा है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने विवादित बयान दिया है. पहले तो उन्होंने कहा कि इस हमले में पाकिस्तान को कोई हाथ नहीं है. लेकिन बाद में उन्होंने भारत पर ही आरोप मढ़ दिए.
पाकिस्तान का विवादित बयान
ख्वाजा आसिफ ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि "इस हमले से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. हम हर तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं." हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत के अंदर ही सरकार के खिलाफ विद्रोह चल रहा है और यह हमला उन्हीं हालात का नतीजा हो सकता है. उन्होंने नागालैंड, मणिपुर और कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि वहां के लोग "सरकारी दमन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं."
डरा हुआ पाकिस्तान
पाकिस्तान को डर सता रहा है कि कहीं भारत उरी हमले के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राइक दोबारा न कर दे. यही वजह है कि पाकिस्तान ने सीमा पर अपने बेस मजबूत करना शुरू कर दिए हैं.
भारत की तीखी प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने ख्वाजा आसिफ के बयान को "गैर-जिम्मेदाराना और सच्चाई से कोसों दूर" बताया है. सूत्रों के अनुसार, भारत ने इस हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी गुटों के संभावित हाथ की जांच शुरू कर दी है. सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या हमलावरों को पाकिस्तान से कोई मदद मिली थी या नहीं.
प्रधानमंत्री मोदी ने ली उच्चस्तरीय बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा को बीच में छोड़कर तुरंत देश लौटने का फैसला किया. दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ आपात बैठक कर स्थिति की समीक्षा की.
बैठक में यह सुनिश्चित किया गया कि घायलों को बेहतर से बेहतर इलाज मिले और सुरक्षाबल हमलावरों की जल्द से जल्द पहचान कर उन्हें पकड़ने में पूरी ताकत लगाएं. साथ ही सीमाई इलाकों में सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश भी दिए गए हैं.