जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला हो गया है. हमले में 27 लोगों की मौत हो गई है. इस बीच, भारतीय खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार, हमले की योजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में तैयार की गई थी. खास बात यह है कि हमले से चार दिन पहले, 18 अप्रैल को TRF के वरिष्ठ कमांडर अबू मूसा ने रावलकोट में एक जनसभा की थी. इस दौरान, उसने खुलेआम धमकी दी थी. उसने कहा था कि कश्मीर में सिर कलम होंगे. उसने कहा था कि जिहाद का एलान कर दिया गया है.
छह आतंकियों की टीम तैयार
मूसा का ये बयान सुरक्षा एजेंसियों के लिए अब सबूत बन गया है. हमला पहले से ही तय था. इसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया है. साजिश में लश्कर के शीर्ष कमांडर सैफुल्ला कसूरी उर्फ खालिद भी शामिल था। उसने TRF के स्थानीय मॉड्यूल को सक्रिय किया और हमले को अंजाम देने के लिए छह आतंकियों की टीम तैयार की.
हमले का ये था मकसद
आतंकियों ने हमले से पहले इलाके की रेकी की. स्थानीय संपर्कों की मदद से उन्होंने रास्तों और पर्यटकों की गतिविधियों की जानकारी जुटाई. साजिश के तहत, हमला उस वक्त किया गया जब पर्यटक सबसे कमजोर स्थिति में थे, यानी खुले इलाके में बिना किसी सुरक्षा के. सूत्रों का कहना है कि इस हमले का उद्देश्य सिर्फ केवल हिंसा फैलाना नहीं था, बल्कि भारत के अंदर धार्मिक ध्रुवीकरण को भड़काना और इंटरनेशनल लेवल पर अशांति का माहौल बनाना भी था.
मासूमों का टारगेट किया
आतंकी संगठनों को खाद पानी देने में सबसे बड़ी भूमिका पाकिस्तान की रही है. पाकिस्तान लंबे वक्त से कश्मीर को अस्थिर करने में लगा हुआ है. पाकिस्तान को जब सेना के खिलाफ आतंकी साजिशों में सफलता नहीं मिली तो उन्होंने मासूम लोगों को टारगेट किया.
पाकिस्तानी आर्मी चीफ की भी भूमिका
हमले में सबसे बड़ी भूमिका पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर की है, जिसने कश्मीर को जुगलर वेन यानी गले की नस कहा था. मुनीर ने हाल ही में अपने एक भाषण में कश्मीर के खिलाफ जहर उगला था. जिसने आतंकी संगठनों को खुला मौका दे दिया.