Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 65 साल से चले आ रहे सिंधु जल समझौते को सस्पेंड कर दिया है. इसे कूटनीतिक तौर पर पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत की ओर से उठाया गया सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है. अब जानकारी के मुताबिक भारत ने चेनाब नदी पर बगलिहार बांध से पाकिस्तान को जाने वाले पानी का प्रवाह रोक दिया है और झेलम नदी पर किशनगंगा बांध पर भी इसी तरह का कदम उठाने की प्लानिंग चल रही है. भारत ने पाकिस्तान के साथ 1965 1971 और 1999 की जंग के बाद भी सिंधु जल समझौते को सस्पेंड नहीं किया था, लेकिन इस बार पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सरकार ने इस संधि को रोक दिया है.
पाकिस्तान की हालत खराब
भारत के इस कदम से पड़ोसी मुल्क की हालत खराब हो गई है. बगलिहार बांध को लेकर पाकिस्तान ने अतीत में विश्व बैंक से मध्यस्थता की मांग की है. झेलम की सहायक नदी नीलम नदी पर इसके प्रवाह के संबंध में किशनगंगा बांध को कानूनी और कूड़नीतिक जांच का सामना करना पड़ा है. भारत से पाकिस्तान में बहने वाली यह नदियां देश की जीवन रेखाएं मानी जाती हैं. क्योंकि यह सिंचाई और पीने योग्य पानी की आपूर्ति के लिए इन पर निर्भर है. जम्मू के रामबन में बगलिहार और उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा हाइड्रो पावर डैम के जरिए भारत अपनी तरफ से पानी छोड़ने के टाइम को रेगुलेट कर सकता है. यानी इन बांधों के जरिए पाकिस्तान को पहुंचने वाले पानी को बिना किसी पूर्व चेतावनी के कम किया जा सकता है और फ्लो को बढ़ाया भी जा सकता है.