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अब सेब व्यापारी हाईवे से 24 घंटे निकाल सकेंगे सेब से भरे ट्रक, आपात बैठक के बाद प्रशासन के निर्देश

जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे पर लैंडस्लाइड और नेशनल हाईवे पर हो रहे काम की वजह से सेब से लदे सैकड़ों ट्रक रास्ते में फंसे होने के कारण अब जम्मू कश्मीर सरकार ने प्रशासन को 24 घंटे में हाईवे को क्लियर कर सेब के ट्रकों को निकालने के आदेश जारी किए हैं.

Updated on: 10 Oct 2022, 04:12 PM

highlights

  • सेब व्यापारियों की नाराजगी के बाद हरकत में आया प्रशासन, दिये निर्देश 
  • सरकार ने प्रशासन के साथ की आपात बैठक, 24 घंटे ट्रक निकलने का फैसला 

नई दिल्ली :

जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे पर लैंडस्लाइड और नेशनल हाईवे पर हो रहे काम की वजह से सेब से लदे सैकड़ों ट्रक रास्ते में फंसे होने के कारण अब जम्मू कश्मीर सरकार ने प्रशासन को 24 घंटे में हाईवे को क्लियर कर सेब के ट्रकों को निकालने के आदेश जारी किए हैं. यह आदेश फल व्यापारियों द्वारा लगातार किए जा रहे प्रदर्शन के बाद किए गए हैं. फल व्यापारियों का आरोप है कि उनके ट्रकों को बेवजह रास्ते में रोका जा रहा है. फल व्यापारियों की नाराजगी को देखते हुए जम्मू कश्मीर सरकार ने एक बैठक की है जिसके बाद 24 घंटे में हाईवे को क्लियर कर सेब के ट्रकों को निकालने के आदेश जारी किए गए हैं.

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जम्मू कश्मीर के चीफ सेक्रेट्री डॉ अरुण कुमार मेहता की अध्यक्षता में कल हाईवे को लेकर एक बड़ी बैठक बुलाई गई थी. जिसमें इस मुद्दे को गंभीरता से लिया गया और फल से लदे हुए ट्रकों को निकालने के लिए कई निर्देश जारी किए गए हैं जिसमें प्रशासन को 24 घंटे के अंदर फलों से लदे ट्रक्स को निकालने के लिए कहा गया है, इसके अलावा निर्देशों में प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस को बिना वजह किसी भी ट्रक को ना रोकने के आदेश दिए गए हैं.हाईवे पर फंसे वाहनों तथा उसके कारणों के बारे में प्रतिदिन रिपोर्ट देने को कहा गया है. यही नहीं ये भी कहा गया है कि कोई भी वाहन 1 घंटे से अधिक समय तक हाइवे पर फसा ना रहे.

सरकार ने इस बाबत भले ही आदेश जारी कर दिए हो. लेकिन अभी भी सेब व्यापारियों का कहना है कि हर दिन कश्मीर से सेब से लदे हुए करीब 3000 ट्रक्स को जम्मू के लिए रवाना किया जा रहा है. लेकिन मात्र 100 ट्रकों को ही आगे बढ़ने की अनुमति मिल रही है. बचे हुए ट्रकों को 3 या 4 दिन के बाद ही आगे जाने दिया जा रहा है उनका कहना है की सरकार भले ही आदेश जारी करें लेकिन जमीन पर स्थिति काफी खराब है और व्यापारियों को काफी मुश्किलें और नुकसान झेलना पड़ रहा है.