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पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने किया दावा- मुझे घर में किया गया नजरबंद

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की एक ट्वीट ने घाटी की राजनीति में तहलका मचा दिया है. उन्होंने ट्वीट कर दावा किया है कि उन्हें 'घर में नजरबंद' किया गया है. इसके अलवा उन्होंने अपने ट्वीट में भाजपा सरकार पर निशाना साधा है.

Updated on: 07 Sep 2021, 03:36 PM

highlights

  • महबूबा मुफ्ती ने किया दावा- मुझे घर में किया गया नजरबंद
  • महबूबा मुफ्ती ने केंद्र के दावों को दिया फर्जी करार 

नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की एक ट्वीट ने घाटी की राजनीति में तहलका मचा दिया है. उन्होंने ट्वीट कर दावा किया है कि उन्हें 'घर में नजरबंद' किया गया है. इसके अलवा उन्होंने अपने ट्वीट में भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा, ''भारत सरकार अफगान लोगों के अधिकारों के लिए चिंता व्यक्त करती है लेकिन कश्मीरियों को जान बूझकर इससे इनकार करती है. मुझे आज नजरबंद कर दिया गया है क्योंकि प्रशासन के अनुसार कश्मीर में स्थिति सामान्य से बहुत दूर है. यह सामान्य स्थिति के उनके झूठे दावों को उजागर करता है.'' 

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पहले भी महबूबा मुफ्ती को किया जा चुका है नजरबंद

गौरतलब है कि इससे पहले महबूबा मुफ्ती को 4 अगस्त 2019 को नजरबंद किया था. दरअसल, केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और उसे दो हिस्सों में बांटने से पहले शांति के लिहाज से महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को नजरबंद कर दिया था. इस दौरान महबूबा मुफ्ती को लंबे समय तक नजरबंद रहना पड़ा था. इसके बाद उन्हें इस मामले में 13 अक्टूबर 2020 को रिहाई मिली थी. इस मामले में जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने अक्टूबर, 2020 में जानकारी देते हुए कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जा रहा है.

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आपको बता दें कि इस मामले को लेकर महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मां की रिहाई की अपील की थी. जिसपर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की जन सुरक्षा कानून के तहत नजरबंदी को लेकर जम्मू कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा था. न्यायालय ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह नजरबंदी हमेशा के लिये नहीं रह सकती और इसका कोई तरीका खोजना चाहिए. हालांकि, शीर्ष अदालत ने महबूबा मुफ्ती को अपने राजनीतिक दल पीडीपी की राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने और लोगों को मुलाकात की अनुमति देने से इंकार करते हुए कहा था कि इस तरह के अनुरोध का समर्थन करना मुश्किल होगा.