logo-image

लश्कर-ए-इस्लाम की धमकी- घाटी छोड़ दें कश्मीरी पंडित या मरने को तैयार रहें... 

पोस्टर में लिखा गया है, ' सभी प्रवासी और आरएसएस एजेंट घाटी छोड़ दो या मौत का सामना करने के लिए तैयार रहो.

Updated on: 15 May 2022, 11:24 PM

नई दिल्ली:

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम ने एक पोस्टर जारी कर कश्मीरी पंडितों को धमकी दी है. लश्कर-ए-इस्लाम ने कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर जाने को कहा है. जम्मू-कश्मीर में सरकारी सेवाओं में लगे कश्मीरी पंडित आतंकवादियों के लगातार निशाने पर हैं. पुलवामा के हवाल ट्रांजिट आवास में रह रहे कश्मीरी पंडित को लश्कर-ए-इस्लाम नाम के आतंकी संगठन ने धमकी दी है. आतंकवादियों की ओर से जारी किए गए एक पोस्टर में कहा गया है कि कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ दें या फिर मौत के लिए तैयार रहें. इस ट्रांजिट आवास में रहने वाले ज्यादातर कश्मीरी पंडित सरकारी नौकरी करते हैं.

पोस्टर में लिखा गया है, ' सभी प्रवासी और आरएसएस एजेंट घाटी छोड़ दो या मौत का सामना करने के लिए तैयार रहो. ऐसे कश्मीरी पंडित जो कश्मीर को एक और इजरायल बनाना चाहते हैं और कश्मीरी मुस्लिमों को मारना चाहते हैं, उनके लिए यहां कोई जगह नहीं है. अपनी सुरक्षा दोहरी या तिहरी कर लो, टारगेट किलिंग के लिए तैयार रहो. तुम मरोगे'. यह पोस्टर हवाल ट्रांजिट आवास के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए लिखा गया है.

हाल ही में जम्मू कश्मीर के बडगाम में आतंकियों ने राजस्व विभाग के एक अधिकारी को गोली मार दी दी थी. तहसील ऑफिस में आतंकियों ने राहुल भट्ट नाम के अधिकारी को अपना निशाना बनाया है. राहुल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है. राहुल कश्मीरी पंडित थे जो लंबे समय से राजस्व विभाग में काम कर रहे थे. आतंकियों ने तहसील दफ्तर में घुसकर उनको गोली मार दी.

यह भी पढ़ें : कश्मीर में मासूमों की हत्या का बदला लेने के लिए सुरक्षा बलों को दी पूरी आजादी : एलजी मनोज सिन्हा

हालांकि इस घटना के 24 घंटे के अंदर ही बांदीपोरा में तीन आतंकियों को मार गिराया. इनमें मारे गए दो आतंकी राहुल भट्ट की हत्या में शामिल थे. मारे गए दोनों आतंकियों की पहचान फैसल और सिकंदर के रूप में हुई है. दोनों ही पाकिस्तानी हैं. इनमें तीसरा आतंकी गुलजार अहमद है, जिसकी पहचान 11 मई को की गई थी.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राहुल की पत्नी को जम्मू में सरकारी नौकरी, परिवार को आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ बेटी की पढ़ाई का खर्च उठाने की भी घोषणा की है. लेकिन इस घटना से गुस्साए विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने देश में कई जगह प्रदर्शन किया है. इसके साथ ही केंद्र सरकार भी इस मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर आ गई है.