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लद्दाख (Ladakh) बना नया केंद्र शासित प्रदेश (UT), आरके माथुर (RK Mathur) ने ली उपराज्यपाल पद की शपथ

राधा कृष्ण माथुर ने गुरुवार सुबह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पहले उप राज्यपाल के तौर पर शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह तिसूरू लेह स्थित सिंधु संस्कृति ऑडिटोरियम में सुबह 7.30 बजे हुआ.

Updated on: 31 Oct 2019, 09:33 AM

लेह:

राधा कृष्ण माथुर (RadhaKrishna Mathur) ने गुरुवार सुबह केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory-UT) लद्दाख के पहले उप राज्यपाल (LG) के तौर पर शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह तिसूरू लेह स्थित सिंधु संस्कृति ऑडिटोरियम में सुबह 7.30 बजे हुआ. जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने एक सादा समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई. बता दें कि 31 अक्‍टूबर से जम्‍मू-कश्‍मीर का विभाजन कर लद्दाख को नया केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. जम्‍मू-कश्‍मीर भी केंद्र शासित प्रदेश होगा. वहां दिल्‍ली की तरह विधानसभा भी होगी, लेकिन डीजीपी का पोस्‍ट बना रहेगा. लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी और वह चंडीगढ़ की तरह केंद्र शासित होगा.

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छह अगस्त को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 के संसद से पारित होने और राष्‍ट्रपति की मंजूरी के साथ ही यह तय हो गया था कि जम्मू-कश्मीर 114 सीटों की विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश होगा, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश होगा. चूंकि जम्‍मू पहले से राज्‍य की शीतकालीन राजधानी है, लिहाजा पुनर्गठन का सारा समारोह श्रीनगर में होगा. पुनर्गठन समारोह के लिए सुरक्षा के जबर्दस्‍त इंतजाम किए गए हैं.

केंद्र सरकार ने लौह पुरुष और देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की जयंती के दिन ही जम्‍मू-कश्‍मीर का पुनर्गठन कराने का फैसला किया था. 31 अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में केंद्र सरकार के 106 कानून लागू हो जाएंगे. अनुच्छेद 370 के तहत जम्‍मू-कश्‍मीर को विशेष दर्जा होने के चलते केंद्र सरकार के कानून वहां लागू नहीं होते थे.

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आज से जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में केंद्र सरकार के 106 कानून लागू हो जाएंगे. राज्‍य के पुराने 166 कानून और फिर राज्यपाल के कानून भी लागू होंगे, जबकि राज्य के 153 कानूनों का वजूद खत्‍म हो जाएगा. जहां तक जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के बीच संपत्‍ति बंटवारे की बात है तो गृह मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी इसका आकलन कर रही है. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद यह मसला सुलझ जाएगा. केंद्र शासित प्रदेश बन जाने के बाद लोकसभा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन का काम भी जल्‍द शुरू हो जाएगा.

(Input IANS)