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Kishtwar Cloudburst Tragedy
Kishtwar Cloudburst Tragedy: जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ में एक दिन पहले हुए हादसे ने भयंकर तबाही मचाई है. हादसे के वजह से कई लोग पहाड़ी पानी और मलबे की चपेट में आ गए हैं. अब तक 65 लोगों की मौत हो गई है. प्रशासन द्वारा इसकी पुष्टि की जा चुकी है. हादसा 14 अगस्त को दोपहर 12.30 बजे बादल फटा है.
Kishtwar Cloudburst Tragedy: 1000 से अधिक लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका
जानकारी के अनुसार, अब तक 21 शवों की पहचान हो गई है. 167 लोगों को अब तक रेस्क्यू किया गया है, जिसमें से 38 लोगों की हालत कमजोर है. सीएम अब्दुल्ला का कहना है कि 100 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं. वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला का कहना है कि मुझे लगता है कि 500 से अधिक लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं. इसके अलावा, सत्तारूढ़ दल के एक सदस्य ने 1000 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई है.
Kishtwar Cloudburst Tragedy: मचैल माता की यात्रा के लिए किश्तवाड़ पहुंचे थे श्रद्धालु
हादसा गुरुवार को उस वक्त हुआ, जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए किश्तवाड़ के चसोटी गांव पहुंचे थे. ये यात्रा का पहला पड़ाव है. जहां से यात्रा शुरू होने वाली थी, वहीं बादल फटा है. श्रद्धालुओं की बसें, टेंट लंगर और कई दुकानें वहां थी, जो बाढ़ में बह चुकी हैं.
Kishtwar Cloudburst Tragedy: घायलों को कंधे पर लादकर अस्पताल पहुंचाया
किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर पंकज शर्मा का कहना है कि एनडीआरएफ की टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. दो और टीमें रास्ते में हैं. राष्ट्रीय राइफल्स के जवान भी ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. 60-60 जवानों के पांच ग्रुप, व्हाइट नाइट कोर की मेडिकल टीम, जम्मू-कश्मीर पुलिस, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियां ऑपरेशन में जुटी हुईं हैं. स्थानीय लोगों, सेना के जवानों और पुलिस ने घायलों को घंटो की मशक्कत के बाद कीचड़ से भरे इलाके से खोदकर अपनी पीठ पर लादकर अस्पताल पहुंचाया गया है.
Kishtwar Cloudburst Tragedy: फेफड़ों तक में कीचड़ घुसा
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, त्रासदी के मंजर डराने वाले हैं. मलबे में कई सारे शव खूून से सने हुए हैं. फेफड़ों तक में कीचड़ भर गया था. टूटी पसलियां और अंग बिखरे पड़े हुए हैं.