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जम्मू-कश्मीर: कठुआ में 8 साल की मासूम से रेप के बाद हत्या मामले में चार्जशीट फाइल

चार्जशीट दाखिल करने पहुंची क्राइम ब्रांच टीम को वकीलों के समूह ने रोकने की कोशिश की। हालांकि, चार्जशीट फाइल कर दी गई और बाद में वकीलों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई।

Updated on: 13 Apr 2018, 02:46 PM

नई दिल्ली:

जनवरी महीने में जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक 8 साल की बच्ची के साथ रेप के बाद मर्डर के मामले में प्रदर्शन तेज़ होता जा रहा है। बुधवार को केस में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर ली है।

वहीं रेप पीड़िता के वकील दीपीका एस रजावत ने स्थानीय वकीलों पर चार्जशीट फाइल करने में रुकावट पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा, 'हमने देखा कैसे स्थानीय वकीलों ने क्राइम ब्रांच को चार्ज-शीट फाइल करने में रोका। आख़िर आप आरोपियों को क्यों बचाना चाहते हो? क्या वे किसी अप्रत्यक्ष उद्देश्य को संतुष्ट करना चाहते हैं। वो कह रहे हैं कि क्राइम ब्रांच इस मामले में सही तरीके से जांच नहीं कर रही है।'

दीपीका एस रजावत ने आगे कहा, 'जम्मू बार एसोसिएशन अध्यक्ष बीएस सलाथिया आज हाई कोर्ट में मुझसे मिले थे और खुलेआम मुझे धमकाते हुए कहा कि पेशी पर मत आना। अब वो झूठ बोल रहे हैं कि मैने उनसे हाथ जोड़कर अनुरोध किया था। आज वो मेरी नज़र में पूरी तरह से गिर गए हैं।'

गौरतलब है कि चार्जशीट दाखिल करने पहुंची क्राइम ब्रांच टीम को वकीलों के समूह ने रोकने की कोशिश की। हालांकि, चार्जशीट फाइल कर दी गई और बाद में वकीलों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई।

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वकील मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे। उनका आरोप है कि जांच को सांप्रदायिक आधार पर पक्षपात के साथ किया गया है। आरोपियों के समर्थन में बंद भी बुलाया गया है।

बता दें कि नाबालिग का शव 17 जनवरी को कठुआ के रसाना जंगलों से बरामद हुआ था। वह एक सप्ताह से लापता थी।

पीड़िता को कठुआ जिले के एक मंदिर के कमरे में नशे की दवाओं के सहारे बंदी बनाकर रख घटना को अंजाम देने की बात सामने आई थी।

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घटना के मुख्य आरोपी सनज रामठे, उसके बेटे विशाल, सब इंपेक्टर आनंद दत्ता और दो स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स दीपक खजूरिया और सुरेंदर वर्मा, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और परवेश कुमार पर हत्या, रेप और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई दिन तक बंदी बनाए रखने के दौरान घायल बच्ची से कई बार रेप किया गया। यही नहीं, आरोप है कि मामले की जांच कर रहे विशेष पुलिस अधिकारी खजूरिया ने बच्ची की हत्या किए जाने से इसलिए रोका क्योंकि वह भी पहले रेप करना चाहता था। रेप के बाद शव क्षत-विक्षत कर फेंक दिया।

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