जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती कठुआ में हुए आठ साल की बच्ची से गैंगरेप और हत्या मामले को लेकर शनिवार को अपने सभी पार्टी विधायकों के साथ बैठक कर रही है।
इस बैठक में शामिल होने के लिए सीएम ने सभी मंत्रियों, विधायकों और नेताओं को सख़्त निर्देश जारी किये है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में बीजेपी के साथ रिश्तों को लेकर बात हो सकती है। साथ ही सरकार की हो रही आलोचना पर भी चर्चा की जाएगी।
माना जा रहा है कि कश्मीर में सत्तारूढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का नेतृत्व आज बैठक के दौरान कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के बाद से राज्य में पैदा हुए हालात की समीक्षा करेगा।
पीडीपी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार है।
पीडीपी प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने कहा, 'पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की शनिवार को बैठक हो रही है। इस बैठक में राजनीति, पार्टी और राज्य में प्रशासन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।'
उन्होंने कहा कि इस बैठक में पार्टी के नेता जम्मू में पैदा हुए हालात के बारे में भी चर्चा कर सकते हैं।
वहीं बीजेपी महासचिव राम माधव ने इस बैठक को लेकर कहा कि वर्तमानन परिस्थिति पर हमारी नज़र बनी हुई है। हमारे दो मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दिया है उसपर भी बात होगी।
बता दें कि आरोपियों के समर्थन में आयोजित एक रैली में शामिल होने वाले बीजेपी के दो मंत्रियों ने शुक्रवार को ही मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है।
घटनाक्रम के जानकार सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करने के बाद दोनों मंत्रियों -चौधरी लाल सिंह और चंदर प्रकाश गंगा- ने राज्य बीजेपी अध्यक्ष सतपाल शर्मा को सौंप दिया।
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# श्रीनगर में पीडीपी की बैठक शुरू।
# वर्तमान परिस्थिति पर हमारी नज़र बनी हुई है। हमारे दो मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दिया है उसपर भी बात होगी- बीजेपी महासचिव राम माधव
पिछले महीने हिंदू एकता मंच पर आठ साल की एक बच्ची के साथ गैंग रेप करने और उसके बाद उसकी हत्या करने के मामले में आरोपी सात लोगों के समर्थन में कठुआ के हीरानगर इलाके में आयोजित एक रैली में दोनों मंत्रियों ने हिस्सा लिया था।
यद्यपि दोनों मंत्रियों ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, लेकिन दोनों के खिलाफ जनता में काफी आक्रोश था।
गंगा के पास उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी थी, और लाल सिंह के पास वन विभाग था।