कश्मीरी पंडित अब ग्लोबल डिजिटल प्लेटफार्म से लड़ेंगे अपनी लड़ाई

इस एप में कश्मीर पंडितों की 1990 में कश्मीर से हुई विस्थापन की पूरी कहानी को दर्शाया गया है. साथ ही इस एप में फोटो गैलरी के जरिये कश्मीरी पंडितों के कश्मीर से जुड़े इतिहास की भी जानकारी दी गई है.

इस एप में कश्मीर पंडितों की 1990 में कश्मीर से हुई विस्थापन की पूरी कहानी को दर्शाया गया है. साथ ही इस एप में फोटो गैलरी के जरिये कश्मीरी पंडितों के कश्मीर से जुड़े इतिहास की भी जानकारी दी गई है.

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Deepak Pandey
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सांकेतिक फोटो( Photo Credit : ANI)

विस्थापन का दर्द झेलने के बाद पूरी दुनिया में बिखरा कश्मीर पंडित समाज अब डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये इकट्ठा होगा. इसके लिए कश्मीरी पंडित समाज के लोगों की ओर से एक एप का लांच किया गया है. इस एप का नाम IQWAT रखा गया है, जिसका मकसद कश्मीरी पंडित समाज को अपनी जड़ों से जुड़े रखना और कश्मीरी पंडित समाज की आवाज को मजबूती देने हैं. इस एप के शुरू होते ही देश के अलावा दुनिया भर के 20 देशों में रहने वाले करीब 4 हजार कश्मीरी पंडित इससे जुड़ गए हैं.

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इस एप में कश्मीर पंडितों की 1990 में कश्मीर से हुई विस्थापन की पूरी कहानी को दर्शाया गया है. साथ ही इस एप में फोटो गैलरी के जरिये कश्मीरी पंडितों के कश्मीर से जुड़े इतिहास की भी जानकारी दी गई है. इस एप के जरिये कश्मीर पंडित समाज की ग्लोबल डिजिटल डेरी भी तैयार की जा रही है. इस एप में कश्मीरी पंडित समाज से जुड़े प्रोमिनेन्ट लोगों की भी सारी जानकारी उपलब्ध है. इस प्लेटफार्म को कश्मीरी पंडितों की समस्याओं खास तौर पर युवा कश्मीरी पंडितों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

इस एप को तैयार करने वाले IQWAT फाउंडेशन के अधयक्ष अजय कॉल के मुताबिक, इस एप के जरिये कश्मीरी पंडित समाज को एकजुट करने की कोशिश है, ताकि तीन दशकों से विस्थापन का दर्द झेल रहे कश्मीरी पंडित अपने अस्तित्व को बचा सके. अजय कॉल के मुताबिक कश्मीरी पंडित समाज विस्थापन के बाद अपने कल्चर और संस्कृति से कटता जा रहा है, जिसे बचाए रखने बेहद जरूरी है. साथ ही उनका कहना है कि इस प्लेटफार्म के जरिये आने वाले समय में सरकार के सामने कश्मीरी पंडित अपनी राजनीतिक हिस्सेदारी भी हासिल कर सके.

Source : Shahnwaz Khan

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