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महाराजा हरि सिंह की जयंती पर छुट्टी को लेकर राजनीतिक दलों में श्रेय लेने की होड़

जम्मू कश्मीर सरकार ने 23 सितंबर को महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन को लेकर छूटी का एलान क्या किया। जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों में छुट्टी का श्रेय लेने की होड़ लग गई है

Updated on: 19 Sep 2022, 07:40 PM

नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर सरकार ने 23 सितंबर को महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन को लेकर छूटी का एलान क्या किया। जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों में छुट्टी का श्रेय लेने की होड़ लग गई है। एक तरफ जहां बीजेपी इसे अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि बता रही है तो वही विपक्षी दलों का कहना है की सरकार को लोगो की मांगों के आगे घुटने टेकने पड़े है । ये राजपूत समाज के लोग है जो महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन पर सरकार द्वारा छूटी घोषित किए जाने का जश्न मना रहे है। दरसल सालो से राजपूत समाज महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन की छुट्टी दिए जाने की मांग कर रहा था लेकिन पिछले एक महीने से राजपूत समाज के लोग महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा के आगे धरने पर बैठ गए थे और लागतार प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान राजपूत सभा के लोगो को पुलिस के डंडों का भी सामना करना पड़ा। प्रर्दशन को उग्र होता देख विपक्षी पार्टियां भी प्रदर्शन में पहुंचाना शुरू हो गई जिसके बाद सरकार ने लोगो की मांग को देखते हुए छुट्टी का एलान कर दिया।


छुट्टी के एलान के साथ ही बीजेपी के नेता श्रेय लेने ले लिए गवर्नर के पास पहुंच गए और इसे बीजेपी की इच्छाशक्ति की जीत करार दिया। इसके बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने राजपूत समाज के साथ छुट्टी का नचाते गाते जश्न भी मनाया। छुट्टी पर रविंद्र रैना ने विपक्षी दलों को जम कर लताड़ भी लगाई और याद दिलवाया की पिछले 70 सालो से सत्ता में रहने के बावजूद वो छुट्टी नहीं दिलवा पाए

वही विपक्षी दलों ने भी बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। विपक्षी दलों का कहना है की छुट्टी युवा राजपूत और दूसरे डोगरा संगठनों द्वारा पिछले एक महीने से लड़ी जा रही जंग का नतीजा है। इस आंदोलन में जम्मू के लोगो और सभी विपक्षी दलों की मेहनत के आगे बीजेपी को झुकना पड़ा है। महाराजा हरि सिंह के नाम का बीजेपी फायदा उठाना चाहती है जबकि महाराजा हरि सिंह पूरे जम्मू कश्मीर के लोगो के राजा थे।