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कारगिल को वॉर जोन नहीं पीस जोन के रूप में देखा जाए : लद्दाख सांसद 

अनुच्छेद 370 पर 6 अगस्त को लोकसभा में भाषण देकर पूरे देश का ध्यान लद्दाख की तरफ खींचने के बाद से चर्चित चेहरा बन चुके 34 वर्षीय युवा सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल का मानना है कि अब कारगिल को वॉर जोन नहीं बल्कि पीस जोन के रूप में देखा जाना चाहिए.

Updated on: 25 Jan 2021, 10:57 PM

नई दिल्ली:

अनुच्छेद 370 पर 6 अगस्त 2019 को लोकसभा में जोरदार भाषण देकर पूरे देश का ध्यान लद्दाख की तरफ खींचने के बाद से चर्चित चेहरा बन चुके 34 वर्षीय युवा सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल का मानना है कि अब कारगिल को वॉर जोन नहीं बल्कि पीस जोन के रूप में देखा जाना चाहिए. पाकिस्तान के साथ 1999 की लड़ाई के बाद कारगिल की पहचान दुनिया में एक युद्ध के मैदान (बैटलफील्ड) के रूप में में हो गई, इससे यहां की पहचान के साथ नकारात्मकता जुड़ गई. जिससे प्राकृतिक सुंदरता से समृद्ध होने के बावजूद कारगिल में पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल सका. हालांकि, सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल को उम्मीद है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जिस तरह से मोदी सरकार ने प्रयास तेज किए हैं, उससे पर्यटन के मानचित्र पर कारगिल की वैश्विक पहचान होगी.

लेह-लद्दाख और कारगिल में विंटर स्पोर्ट्स और एडवेंचर टूरिज्म की गतिविधियों के जरिए देसी-विदेशी पर्यटकों का ध्यान खींचने में केंद्र सरकार जुटी है. राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर इस सिलसिले में सोमवार को आयोजित एक समारोह में हिस्सा लेने के दौरान लद्दाख के युवा सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, "लेह-लद्दाख और कारगिल में बर्फ में छुपे पोटेंशियल को निखारने की दिशा में केंद्र सरकार कार्य कर रही है. लेह-लद्दाख और कारगिल में पहली बार बड़े पैमाने पर विंटर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है. मोदी सरकार के मंत्री(प्रहलाद सिंह पटेल) ने यहां कारगिल में रात गुजारी, इससे पता चलता है कि सरकार के दिल में लद्दाख बसता है."

सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में विलेज टूरिज्म पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने का सुझाव दिया था. हम चाहते हैं कि लद्दाख में पर्यटन केवल लेह-कारगिल तक ही केंद्रित न रहे. बाहर से आने वाले लोग जंस्कार से लेकर द्रास और बटालिक सेक्टर तक जाएं. यह तभी संभव होगा, जब ग्रामीण इलाकों को टूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा. रूरल टूरिज्म से ग्रामीण आजीविका बढ़ेगी. टूरिज्म डिपार्टमेंट को गांवों में ज्यादा से ज्यादा होम स्टे की सुविधाएं बढ़ानी होंगी. गांव के लोगों को पर्यटकों को हैंडल करने की ट्रेनिंग देनी होगी."

लद्दाख के सांसद ने आईएएनएस को बताया कि कारगिल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे जरूरी है एयर कनेक्टिविटी. कामर्शियल उड़ानों के लिए एयरपोर्ट के विस्तार से लेकर छोटे विमानों के संचालन का मुद्दा संसद में भी जामयांग उठा चुके हैं. उन्होंने कहा, "यहां आगे पहाड़ है, पीछे खाई है. इससे एयर कनेक्टिविटी में टेक्निकल बाधा होती है। लेकिन एटीआर जैसे छोटे एयरक्राफ्ट का संचालन हो सकता है. हमने सरकार से इसकी मांग भी की है. स्पाइसजेट ने रुचि भी दिखाई है, लेकिन ट्रैफिक कम होने के कारण बात आगे नहीं बढ़ पा रही है. ऐसे में पर्यटन मंत्रालय से हमने अनुरोध किया है कि वह एटीआर चलाने के लिए वह फंडिंग करे. एयर कनेक्टिविटी से न केवल टूरिस्ट बल्कि कारगिल के सिविलियन लोग पूरी दुनिया से आसानी से जुड़ सकेंगे.

भाजपा सांसद ने कहा कि ऑल वेदर कनेक्टिविटी के लिए जोजिला टनल की लंबे समय से मांग उठती रही. पहले की सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया, लेकिन मोदी सरकार ने कई बाधाओं के बावजूद टेंडर करवाकर जोरशोर से निर्माण शुरू कराया है. भाजपा सांसद ने कहा, "हमारी सरकार ने जोजिला टनल के लिए बार-बार कोशिश की. हमने हार नहीं मानी। अटल जी कहते थे हार नहीं मानूंगा रार नहीं ठानूंगा. टेंडर होने के बाद आज जोर-शोर से काम चल रहा है. कारगिल को इससे एक और बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी."