J&K के पद्दारियों, कोली और गड्डा ब्राह्मणों को मिलेगा एसटी का दर्जा

पहाड़ियों, पद्दारी आदिवासियों, कोली और गड्डा ब्राह्मणों को एसटी के रूप में शामिल करने की सिफारिश करने वाले मसौदे को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता है, जिसके बाद इसे संसद के समक्ष पेश किया जाएगा. सूत्रों ने कहा, यह संसद के नवंबर-दिसंबर के शीतकालीन सत्र के दौरान हो सकता है. शर्मा आयोग की सिफारिशों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में इन समुदायों को एसटी के रूप में शामिल करने के लिए, संसद को देश के आरक्षण अधिनियम में एक संशोधन पारित करना होगा.

author-image
IANS
New Update
ST status

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

जीडी शर्मा आयोग ने जम्मू-कश्मीर में पहाड़ियों के अलावा पद्दारी जनजाति, गड्डा ब्राह्मणों और कोली को एसटी का दर्जा देने की सिफारिश की है. सूत्रों ने कहा कि शर्मा आयोग ने इन जनजातियों को पहाड़ी के साथ एसटी के रूप में शामिल करने की सिफारिश की है और ये सिफारिशें केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय को मिली हैं.

Advertisment

पहाड़ियों, पद्दारी आदिवासियों, कोली और गड्डा ब्राह्मणों को एसटी के रूप में शामिल करने की सिफारिश करने वाले मसौदे को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता है, जिसके बाद इसे संसद के समक्ष पेश किया जाएगा. सूत्रों ने कहा, यह संसद के नवंबर-दिसंबर के शीतकालीन सत्र के दौरान हो सकता है. शर्मा आयोग की सिफारिशों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में इन समुदायों को एसटी के रूप में शामिल करने के लिए, संसद को देश के आरक्षण अधिनियम में एक संशोधन पारित करना होगा.

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले भी गुर्जरों और बकरवालों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण था, लेकिन उनके पास कोई राजनीतिक आरक्षण नहीं था. परिसीमन आयोग ने एसटी के लिए 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर में 9 सीटों, कश्मीर डिवीजन में 4 और जम्मू डिवीजन में 5 को शामिल कर उन्हें राजनीतिक आरक्षण दिया है. केंद्र शासित प्रदेशों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. वर्तमान में, देश में 744 जातियों को एसटी के रूप में वगीर्कृत किया गया है.

जीडी शर्मा आयोग की सिफारिशें न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले परिसीमन आयोग की रिपोर्ट का पालन करती है, जिसने 90 सीटों वाली जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एसटी के लिए 9 सीटें और एससी के लिए 6 सीटें आरक्षित की हैं.

पहाड़ी आदिवासियों, पदारियों, कोली और गड्डा ब्राह्मणों को शामिल करने से यह संभव है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एसटी के लिए आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ सकती है. नौकरी में आरक्षण में एसटी को 10 फीसदी जबकि एससी को 8 फीसदी आरक्षण मिलता है.

जम्मू-कश्मीर की अपनी हालिया यात्रा के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा देने का वादा किया था. शाह ने यह भी कहा कि पहाड़ियों को एसटी का दर्जा देने से स्थानीय गुर्जरों और बकरवालों के एसटी अधिकारों को किसी भी तरह से कम नहीं किया जाएगा.

Source : IANS

GD Sharma Commission latest-news ST status hindi news J&K
      
Advertisment