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(फोटो- ANI)
संसद में शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद अब प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह का बयान भी सामने आया है. जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य के दर्जे पर जितेंद्र सिंह ने कहा, इस तथाकथित विशेष दर्जे का इस्तेमाल कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस अपने फायदे के लिए कर रही हैं. जब यह उन पर सूट करता है, तो वे विशेष होते हैं और जब ऐसा नहीं होता है, तो वे नहीं होते.
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उन्होंने आगे कहा, जब राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल 6 साल के लिए बढ़ा दिया गया था, तब जम्मू-कश्मीर के सीएम शेख अब्दुल्ला ने इसे अपनाया था, लेकिन 3 साल बाद जब इसे उलट दिया गया, तो उन्होंने विशेष दर्जे के बहाने का इस्तेमाल कर इससे इनकार कर दिया. इसका परिणाम 40 वर्ष के बाद भी है. J & K एकमात्र विधानसभा है जिसका आज 6 वर्ष का कार्यकाल है
Dr Jitendra Singh, MoS PMO & Lok Sabha MP from Udhampur, J&K, on discussion in Parliament on special status to J&K y'day: This so-called special status is also an alibi created by Congress & National Conference. When it suits them, they are special & when it doesn't, they aren't pic.twitter.com/1iUOYOw2WA
— ANI (@ANI) June 29, 2019
Jitendra Singh: When term of state assemblies was extended to 6 years, then J&K CM Sheikh Abdullah adopted it but 3 yrs later when it was reversed, he refused using excuse of special status. Result of this is even after 40 yrs, J&K is the only assembly today having a 6-yrs term https://t.co/zSPTk2hIKv
— ANI (@ANI) June 29, 2019
वहीं आर्टिकल 370 या 35 A पर बात करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा, जो लोग हमसे सहमत नहीं है वो ये भूल जाते हैं कि धारा 370 या 35A के नायक जिनमें पंडित जवाहन लाल नेहरू भी शामिल हैं, की राय थी कि यह भारत और संविधान सभा के संविधान में एक अस्थायी प्रावधान होगा.
Jitendra Singh: Even those who differ with us, conveniently forget that even the protagonist of Article 370 or 35A which most prominently included Pt. Nehru, were of the opinion that it's going to be a temporary provision in the constitution of India & the constituent assembly. pic.twitter.com/WWgMBy42rB
— ANI (@ANI) June 29, 2019
जितेंद्र सिंह ने आगे कहा, अगर पं नेहरू ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल को जम्मू-कश्मीर को संभालने के लिए उसी तरह से अनुमति दी होती, जिस तरह से उन्होंने हैदराबाद सहित अन्य रियासतों को संभाला था, न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे भारतीय उप-महाद्वीप का इतिहास कुछ और होता.
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Dr Jitendra Singh:If only Pt. Nehru had allowed his no.2 in the cabinet & then Home Minister Sardar Patel to handle J&K in the same manner he handled other princely states including Hyderabad,the history of not only J&K but of entire Indian sub-continent would have been different pic.twitter.com/25HwzaiGnS
— ANI (@ANI) June 29, 2019
बता दें, इससे पहले शुक्रवार को लोकसभा में जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 पास हो गया. ये गृह मंत्री अमित शाह का पहला पेश किया जाने वाला बिल था. इसके बाद विपक्ष ने इसका विरोध किया, लेकिन बाद में इसे ध्वनि मत से पास कर दिया. हालांकि, इस बिल को राज्यसभा से पास कराना सरकार के लिए टेढ़ी खीर है. इस विधेयक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास रहने वाले लोगों को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रहने वालों की तरह ही लाभ मिलेगा. अभी तक आईबी के पास रहने वालों को जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 व नियम 2005 से बाहर रखा गया था. विधेयक को पेश करने के कारणों को बताते हुए सरकार ने एक बयान में कहा था कि सीमा पर लगातार तनाव के कारण अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों में रहने वाले व्यक्तियों को सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन का सामना करना पड़ता है.
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इससे पहले अमित शाह ने संसद में कहा था कि, 'नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और मुझे यकीन है कि हम अपने नागरिकों की मदद से इसे हासिल करने में सफल होंगे.' कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर वार करते हुए अमित शाह ने कहा, 'वे कह रहे हैं कि हम जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को रौंद रहे हैं. इस समय से पहले, अब तक 132 बार, अनुच्छेद 356 लगाया गया है (राष्ट्रपति शासन), जिसमें से 93 बार कांग्रेस ने किया है. अब ये लोग हमें लोकतंत्र सिखाएंगे?'
'देश के विभाजन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है'
उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में निष्पक्ष चुनाव कराए जाएंगे. घाटी में लोकतंत्र बहाल रखना हमारी पहली प्राथमिकता है. आज बंगाल भारत में है तो इसका श्रेय श्यामा प्रसाद जी को है. जम्मू-कश्मीर के चुनाव में सरकार का दखल नहीं है. देश के विभाजन के लिए सिर्फ कांग्रेस जिम्मेदार है. नेहरू की भूल आज देश भुगत रहा है. बीजेपी आतंकियों को घर में घुसकर मारने पर विश्वास करता है.'