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जम्मू पुलिस ने तोड़ी लश्कर-ए-तैयबा की कमर, पहली बार मिली ऐसी सफलता

आतंक के खिलाफ पिछले 2 सालों में जम्मू पुलिस को अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी मिली है. जम्मू कश्मीर पुलिस ने जम्मू सूबे में आतंक का नेटवर्क तैयार करने की कोशिशों में लगे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की कमर तोड़ दी है.

Updated on: 18 Jul 2022, 10:19 PM

highlights

  • दो सालों में आतंक के खिलाफ सुरक्षा बलों की सबसे बड़ी कामयाबी
  • ड्रोन ड्रॉपिंग, ब्लास्ट से लेकर आतंकियों की डिलीवरी मामले सुलझे 

 

जम्मू:

आतंक के खिलाफ पिछले 2 सालों में जम्मू पुलिस को अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी मिली है. जम्मू कश्मीर पुलिस ने जम्मू सूबे में आतंक का नेटवर्क तैयार करने की कोशिशों में लगे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की कमर तोड़ दी है. पुलिस ने जम्मू सूबे में लश्कर की जड़े मजबूत करने के लिए काम कर रहे 5 टेरर मॉड्यूल का खुलासा करते हुए दो दर्जन लश्कर के आतंकियों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. जम्मू पुलिस ने सोमवार को लश्कर के 3 आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया, जिसमें एक मॉड्यूल जम्मू, जबकि दो मॉड्यूल राजौरी में काम कर रहे थे. पिछले लंबे समय से पुलिस इन मॉड्यूल के पीछे लगी हुई थी. पुलिस ने इन टेरर मॉड्यूल के लिए काम कर रहे 7 आतंकियों को भी भारी असलहा और हत्यारों के साथ गिरफ्तार किया है. 

जम्मू मॉड्यूल
जम्मू में पुलिस ने लश्कर के जिस मॉड्यूल का खुलासा किया है, वह पाकिस्तान द्वारा ड्रोन के जरिए पिछले डेढ़ से दो सालों से भेजे जा रहे हत्यारों को रिसीव कर कश्मीर भेजने का काम कर रहा था. इस मॉड्यूल का सरगना जम्मू के तलब खटींगा इलाके में रह रहा आतंकी फैजल मुनीर था. जिसके लिए कठुआ और सांबा में रह रहे 3-4 लोग काम कर रहे थे. पुलिस ने इनमें से दो लोगों हबीब और मियां सोहेल को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. इसके बाद फैसल की गिरफ्तारी की गई. फैसल ने गिरफ्तारी के बाद कबूल किया कि वह पिछले ढाई सालों से पाकिस्तान में बैठे हैंडालरों के संपर्क में था और पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए कठुआ और सांबा के इलाके में भेजे गए 15 कंसाइनमेंट को उसने रिसीव किया था. इसमें 29 मई को ड्रोन के जरिए टल्ली इलाके में भेजी गई हथियारों की खेप भी थी, जिसमें से पुलिस ने UBGL के साथ 7 स्टीकी बॉम्ब को भी बरामद किया था. इसके साथ ही 20 जून 2020 में जिस ड्रोन को बीएसएफ ने कठुआ के मन्यारी इलाके में मार गिराए था और उससे M4 गन भी मिली थी. उसे भी इसी मॉड्यूल ने रिसीव करना था. इस मॉड्यूल के पकड़े जाने से कठुआ और सांबा के बॉर्डर इलाकों मावा , हरिया चक, मन्यारी सहित दूसरे ड्रोन ड्रॉपिंग के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है. पुलिस ने इस बात का भी खुलासा किया है कि ड्रोन के साथ इस टेरर मॉड्यूल के लिए पाकिस्तान से आतंकी संगठन पैसा भी भेजते थे. ताकि, उनके से गुर्गे उनके काम को बखूबी अंजाम तक पहुंचा सके. पुलिस अभी इस टेरर मॉड्यूल से जुड़े दूसरे लोगों की भी तलाश कर रही है. पुलिस ने इस मॉड्यूल से बड़े पैमाने पर हथियार भी बरामद किए हैं.


राजौरी मॉड्यूल 
राजौरी में जम्मू कश्मीर पुलिस ने लश्कर के 2 टेरर मॉड्यूल का खुलासा करने में कामयाबी हासिल की है. पहला मॉड्यूल लश्कर कमांडर तालिब हुसैन का था, जिसे कुछ दिन पहले रियासी के मोहर इलाके से स्थानीय लोगों की मदद के साथ किया गया था. लश्कर का आतंकी तालिब पिछले तीन सालों से राजौरी में एक्टिव था और लगातार पाक में बैठे लश्कर के सरगनाओं के इशारे पर काम कर रहा था. लश्कर ने तालिब को हथियार रिसीव करने, सुरक्षाबलों पर हमला करने, माइनॉरिटी कम्युनिटी और राजनेताओं पर हमला करने की जिम्मेदारी दी थी. इसके साथ ही तालिब आतंकियों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का भी काम कर रहा था. तालिब द्वारा राजौरी पहुंचाए गए आतंकी जो अब भी पीर पंजाल इलाके में मौजूद हैं. पुलिस उनकी लगातार तलाश कर रही है. पुलिस ने इस बात का भी खुलासा किया है कि तालिब ने 5 बार पाकिस्तान से आए ड्रोन के जरिए भेजे गए हत्यारों के साथ आए पैसे को भी रिसीव किया था. तालिब ने ही राजौरी के कोटरांका में हुए दो धमकों के साथ अनुस और शाहपुर में हुए ग्रेनेड धमाकों और टारगैन में हुई हत्या को अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था. पुलिस ने तालिब से भी बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं. 

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इसके साथ ही पुलिस ने लश्कर के लिए काम कर रहे दूसरे मॉड्यूल का भी खुलासा किया है. इस मॉड्यूल का सरगना अल्ताफ हुसैन नाम का लश्कर आतंकी था. उसने राजौरी में बीजेपी नेता के घर में ग्रेनेड से हमला किया था, जिसमें 2 साल के बच्चे की जान चली गई थी. अल्ताफ ने इस वारदात को पाकिस्तान में बैठे अपने हैडलर मोहम्मद कासिम के इशारे पर अंजाम दिया था . पुलिस के मुताबिक इन लोगों की गिरफ्तारी में स्थानीय लोगों द्वारा दी गई जानकारी से बड़ी मदद हासिल हुई है.