Farooq Abdullah Latest News: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस संदर्भ में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर उनकी प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने इस सहयोग की सफलता के प्रति आशावाद जताया है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा नेशनल कॉन्फ्रेंस के मेनिफेस्टो को "प्रो-पाकिस्तानी" बताने पर फारूक अब्दुल्ला ने तीखे तंज कसे हैं.
कांग्रेस-एनसी गठबंधन पर फारूक अब्दुल्ला का बयान
आपको बता दें कि फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कांग्रेस और एनसी के गठबंधन के बारे में कहा कि यह गठबंधन जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस गठबंधन से राज्य के विकास और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा. फारूक अब्दुल्ला का मानना है कि यह गठबंधन न केवल राज्य की जनता के लिए फायदेमंद होगा बल्कि राजनीतिक स्थिरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
जमात-ए-इस्लामी के चुनाव में शामिल होने पर प्रतिक्रिया
वहीं जम्मू-कश्मीर के इस चुनाव में जमात-ए-इस्लामी भी अपना भाग्य आजमा रही है. इस पर फारूक अब्दुल्ला ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि जमात-ए-इस्लामी चुनाव लड़ रही है. अब्दुल्ला ने कहा, ''चोरी-छिपे किसी को वोट देने से बेहतर है कि वे खुलकर सामने आएं और राज्य के विकास के लिए चुनाव लड़ें.'' उनके इस बयान से साफ होता है कि वे सभी राजनीतिक पार्टियों के खुले और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का समर्थन करते हैं.
बीजेपी के आरोपों पर फारूक का तंज
साथ ही आपको बता दें कि बीजेपी ने एनसी के मेनिफेस्टो को 'प्रो-पाकिस्तानी' करार दिया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ''मैं तो बहुत कुछ हूं. मैं खालिस्तानी भी हूं, पाकिस्तानी भी हूं, और अमेरिकन एजेंट भी हूं. और अगर कुछ रह गया है, तो वो भी मैं हूं.'' इस तंज के माध्यम से फारूक अब्दुल्ला ने बीजेपी के आरोपों को हल्के में लेते हुए अपनी बात रखी.
गठबंधन की ताकत और आगामी चुनावी रणनीति
इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के 90 विधानसभा सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो चुका है और इस फैसले के बाद एनसी ने अपने उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है. फारूक अब्दुल्ला का मानना है कि यह गठबंधन राज्य में एक मजबूत राजनीतिक ताकत के रूप में उभर सकता है, जो बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष खड़ा करेगा.