जम्‍मू कश्‍मीर पुनर्वास कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्‍य सरकार ने किया सुनवाई टालने का आग्रह

जम्मू कश्मीर पुनर्वास क़ानून को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा है कि 1982 से लेकर अब तक यह एक्ट प्रभाव में नहीं आया.

जम्मू कश्मीर पुनर्वास क़ानून को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा है कि 1982 से लेकर अब तक यह एक्ट प्रभाव में नहीं आया.

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Sunil Mishra
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जम्‍मू कश्‍मीर पुनर्वास कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्‍य सरकार ने किया सुनवाई टालने का आग्रह

सुप्रीम कोर्ट की प्रतीकात्‍मक तस्वीर

जम्मू कश्मीर पुनर्वास क़ानून को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा है कि 1982 से लेकर अब तक यह एक्ट प्रभाव में नहीं आया. पुर्नवास को लेकर राज्य सरकार को अभी तक कोई एप्लीकेशन भी नहीं मिली है. इसी बीच जम्मू कश्मीर ने सुनवाई टालने का आग्रह किया है कि अभी तक राज्य में कोई चुनी हई सरकार नहीं है. पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस ने पूछा था कि आखिर विभाजन के दौरान पाकिस्तान जा चुके लोगों के वंशजों को कैसे भारत में फिर से रहने की इजाज़त दी जा सकती है.

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कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से पूछा है कि राज्य में पुर्नवास के लिए अभी तक कितने लोगों ने अप्लाई किया है. दरअसल यह क़ानून विभाजन के दौरान 1947-54 के बीच पाकिस्तान जा चुके लोगों को हिंदुस्तान में पुर्नवास की इजाज़त देता है. इसके खिलाफ कश्मीर पैंथर पार्टी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि ये क़ानून असंवैधानिक और मनमाना है, इसके चलते राज्य की सुरक्षा को खतरा हो गया है.

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केंद्र सरकार ने भी याचिका का समर्थन किया है. कोर्ट में सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार पहले ही कोर्ट में हलफनामा दायर कर ये साफ कर चुका है कि वो विभाजन के दौरान सरहद पार गए लोगों की वापसी के पक्ष में नहीं है. वही जम्मू कश्मीर सरकार पहले भी इस मामले पर सुनवाई टालने की मांग करती रही है. राज्य सरकार का कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 35A को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला नहीं दे देता, तब तक इस पर विचार न हो. हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट 2016 में संकेत दे चुका है कि ये मामला विचार के लिए संविधान पीठ को सौंपा जा सकता है.

Source : Arvind Singh

central government jammu-kashmir Jammu Kashmir rehabilitation Act
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