मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के संगठन जमात-ए-इस्लामी JK को गैरकानूनी संगठन घोषित किया

इसके करीब एक हफ्ते बाद भारत सरकार ने कश्मीर में अलगाववादियों और जमात-ए-इस्लामी JK पर कड़ी कार्रवाई की है.

इसके करीब एक हफ्ते बाद भारत सरकार ने कश्मीर में अलगाववादियों और जमात-ए-इस्लामी JK पर कड़ी कार्रवाई की है.

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yogesh bhadauriya
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मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के संगठन जमात-ए-इस्लामी JK को गैरकानूनी संगठन घोषित किया

भारत सरकार ने लिया फैसला

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी के दिन आतंकियों द्वारा आत्मघाती हमला किया गया जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके करीब एक हफ्ते बाद भारत सरकार ने कश्मीर में अलगाववादियों और जमात-ए-इस्लामी पर कड़ी कार्रवाई की है. इसी क्रम में आज मोदी सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम 1967 की धारा 3 के तहत, जमात-ए-इस्लामी (JeI) JK को "गैरकानूनी संघ" घोषित कर दिया है. जमात-ए-इस्लामी ऐसा पहला संगठन है जिसने इस्लाम की आधुनिक संकल्पना के आधार पर एक विचारधारा को तैयार किया.

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एक रिपोर्ट के मुताबिक जमात ने आतंक को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाई है. दिलचस्प बात यह है कि जमात लोकसभा और विधानसभा के चुनाव भी लड़ चुकी है और आधिकारिक रूप से किसी भी सशस्त्र विद्रोह से दूरी बनाकर रखती है.

क्या है जमात ए इस्लामी

जमात-ए-इस्लामी JK की स्थापना एक इस्लामिक-राजनीतिक संगठन और सामाजिक रूढिवादी आंदोलन के तौर पर ब्रिटिश भारत में 1941 में की गई थी. इसकी स्थापना अबुल अला मौदूदी ने की थी जो कि एक इस्लामिक आलिम (धर्मशात्री) और सामाजिक-राजनीतिक दार्शनिक थे. मुस्लिम ब्रदरहुड (इख्वान-अल-मुसलमीन, जिसकी स्थापना 1928 में मिस्त्र में हुई थी) के साथ जमात-ए-इस्लामी अपनी तरह का पहला संगठन था जिसने इस्लाम की आधुनिक संकल्पना के आधार पर एक विचारधारा को तैयार किया.

Source : News Nation Bureau

PM modi jammu-kashmir jamaat e islami Pulwama CRPF JeI bjp sarkaar
      
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