आतंकवादी हमले के खतरे को देखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा एडवाइजरी जारी करते हुए अमरनाथ यात्रा को रोक दिया है. साथ ही जम्मू-कश्मीर में मौजूद सभी पर्यटकों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने को कहा गया है. सुरक्षा से जुड़े बदले हालात को देखते हुए राज्य की प्रमुख पार्टियों ने आपात बैठक बुलाई है. हालांकि, अभी तक ये पता नहीं चल सका है कि बैठक में क्या फैसला लिया गया है?
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए राज्य की प्रमुख पार्टियों ने पीडीपी, एनसी और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट ने आपातकालीन बैठक बुलाई. सभी पार्टियों ने इस बैठक के लिए अपने प्रतिनिधि भेजे हैं. दरअसल, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा कारणों के चलते अमरनाथ यात्रा को रोक दिया है. वहीं, हाल ही में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती भी की है.
इस बीच पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, आप एकमात्र मुस्लिमबहुल राज्य का प्यार जीतने में नाकाम रहे, जिसने धार्मिक स्तर पर जाने के बजाए सेकुलर भारत को पसंद किया है.
अमरनाथ यात्रियों को तुरंत जम्मू-कश्मीर छोड़ने संबंधी एडवाइजरी जारी करने के बाद स्थानीय लोगों में उहापोह की स्थिति बन गई है. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते बताया कि श्रीनगर की सड़कों पर पूरी अव्यवस्था फैल गई है. लोग एटीएम, पेट्रोल पंपों और जरूरी सामान लेने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं. क्या भारत सरकार को सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा की फिक्र है जबकि कश्मीरियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है.
एक संक्षिप्त चर्चा के बाद हमने जेएंडके के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की और उनसे उन अफवाहों को दूर करने का अनुरोध किया हैं. इससे घाटी में दहशत का माहौल था. फारूक साहब के शुक्रगुजार हैं.
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बता दें शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के हित में एक लेटर जारी किया है. राज्य सरकार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से चेकिंग अभियान चलाया था. इस दौरान सुरक्षा बलों ने अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के रास्ते से पाकिस्तान में बनी आईईडी और माइंस बरामद किए. बरामद हथियार को पाकिस्तानी मीडिया को भी दिखाए गए हैं.