Jammu-kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर पहले चरण का मतदान हो चुका है. इस दौरान 24 सीटों पर बुधवार को वोटिंग हुई. इन सीटों पर करीब 61.3 प्रतिशत वोटिंग होनी है. बीते सात चुनावों के मुकाबले यहां पर सर्वाधिक वोटिंग हुई है. अब सभी राजनीतिक दल दूसरे चरण की तैयारियों में लग गए हैं. इस क्रम में आज गुरुवार को पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में रैली को संबोधित किया. यहां पर पार्टी के प्रत्याशियों के लिए मतदान की अपील की. उन्होंने कहा कि, कश्मीर में पहली बार दहशतगर्दी के साए में मतदान हुआ है.
तीन परिवारों ने कश्मीर को बबार्द किया है: पीएम
श्रीनगर में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बंपर वोटिंग को लेकर जनता का आभार व्यक्त किया है. पीएम नेरंद्र मोदी ने राहुल गांधी की 'मोहब्बत की दुकान' पर पलटवार करते हुए कहा कि "इन लोगों ने नफरत की दुकान खोल रखी है. स्कूल जलते रहे, नौजवान पढ़ाई से महरूम रहे और इनके हाथों में पत्थर थमाए गए." प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैंने पहले भी कहा था कि तीन परिवारों ने कश्मीर को बबार्द किया है. अब वे परेशान हैं. ये परिवार सोचते हैं कि उन्हें जम्मू-कश्मीर को लूटने का अधिकार है. मगर अब जम्मू-कश्मीर इन परिवारों की पकड़ में नहीं रहेगा."
पत्थरबाजी और दहशतगर्दी की हिमायती पार्टियों को खारिज कर दिया
जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बंपर वोटिंग ने पत्थरबाजी और दहशतगर्दी की हिमायती पार्टियों को खारिज कर दिया है. यहां की जनता को पीएम मोदी की सुरक्षित और समृद्ध जम्मू-कश्मीर की गारंटी का पूरा भरोसा है. पीएम मोदी ने श्रीनगर में आशीर्वाद देने आई जनता का आभार व्यक्त किया.
जम्मू-कश्मीर में भय और अराजकता फैलाने का आरोप
पीएम मोदी ने कहा, तीनों परिवार सोचते हैं कि किसी भी तरह से सत्ता पर कब्जा करना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है. उन्होंने उन पर जम्मू-कश्मीर में भय और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया. पीएम ने कहा, "उनका राजनीतिक एजेंडा जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके वैध अधिकारों से वंचित करना रहा है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर को केवल भय और अराजकता दी है, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर इन तीन परिवारों की पकड़ में नहीं रहेगा...अब हमारे यहां के युवा उन्हें चुनौती दे रहे हैं. जिन युवाओं को उन्होंने आगे नहीं बढ़ने दिया, वे उनके खिलाफ सामने आए हैं. जम्मू-कश्मीर के युवाओं ने इन तीन परिवारों के शासन में जो पीड़ा झेली है, वह अक्सर सामने नहीं आ पाती है.''