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जम्मू-कश्मीर विधानसभा बुधवार को एक बेहद निन्दनीय घटना हुई। जब सरकार और विपक्षी पार्टी के नेता तोड़फोड़ पर उतर आये और एक-दूसरे से मारपीट की कोशिश की। यह सारी घटना मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के एक बयान को लेकर हुई।
मंगलवार को महबूबा मुफ्ती के बयान पर हुए हंगामे का असर बुधवार को भी देखने को मिला। नेशनल कांग्रेस और बीजेपी के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। विधायकों ने विधानसभा परिसर की कुर्सियां तोड़ दी और पर्चे भाड़े गये।
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बीजेपी मंत्री लाल सिंह और नेशनल कांग्रेस के सीनियर लीडर के बीच जुबानी जंग तेज हो गई। जिसके बाद दोनों पार्टी के नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ जमकर प्रहार किये। तभी नेशनल कांग्रेस के विधायक ने चैयरमैन टेबल के पास मौजूद कुर्सी तोड़ दी। यह घटना जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की एक टिप्पणी पर हुई। जो उन्होंने मंगलवार को अनुच्छेद 370 के तहत बोली थी।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि जो लोग संविधान के अनुच्छेद 370 का विरोध कर रहे हैं वे 'राष्ट्रविरोधी' हैं। विधानसभा अध्यक्ष, राजीव से सहमत हुए और उनकी मांग के अनुरूप आदेश दिया। संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ है।
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इस पर नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और अन्य दलों के सदस्यों ने यह कहते हुए हंगामा शुरू कर दिया कि टिप्पणियां हटाने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मांग मुख्यमंत्री में पार्टी के अविश्वास जताने के समान है। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्ष ने अपनी मांग जारी रखी जिससे अध्यक्ष को कार्यवाही फिर स्थगित करने पर मजबूर होना पड़ा।
Source : News Nation Bureau