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जम्मू-कश्मीर: सुरक्षाबलों को फिर मिली बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर

जानकारी के मुताबिक गांदरबल के गुंड में सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच मुछभेड़ शुरू हो गई थी जिसमें सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मुहंतोड़ जवाबह दिया और दो आतंकियों को मार गिराया.

Updated on: 12 Nov 2019, 08:28 AM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को एक और बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. सुरक्षाबलों ने मंगलवार को मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार  गिराया है. ये दोनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-taiba) के सदस्य बताए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक  गांदरबल के गुंड में सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच मुछभेड़ शुरू हो गई थी जिसमें सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मुहंतोड़ जवाबह दिया और दो आतंकियों को मार गिराया. 

दरअसल भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के सफाए में जुटी हुई है. यही वजह है पिछले कुछ दिनों से लगातार आतंकी ढेर हो रहे हैं. इससे पहले सोमवार को हुई मुठभेड़ में भी सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था. इस दौरान  बांदीपोरा में चल रही मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर हो गए थे. कश्मीर जोन पुलिस ने बताया कि मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किए गए. वहीं रविवार क भी बांदीपोरा में मुठभेड़ हुई थी जिसमें दो आतंकी ढेर हो गए थे. अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब सुरक्षा बल लावदारा गांव में कुछ आतंकवादियों की मौजूदगी की विशेष सूचना मिलने के बाद तलाशी अभियान चला रहे थे. 

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बता दें, इससे पहले बताया जा रहा था कि कश्मीर में उपद्रवी और आतंकवादी अघोषित बंद के खिलाफ किसी भी आवाज को दबाने के लिए डर का माहौल पैदा कर रहे हैं. पुलिस ने कश्मीर में बंद के चौथे महीने में प्रवेश करने पर बुधवार को यह बात कही. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘उन इलाकों में बंद लागू करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं जहां दुकानें खुली हैं या पटरियों पर विक्रेता सामान बेच रहे हैं. शांति विरोधी तत्व लोगों को घरों के भीतर रखने की कोशिश कर रहे हैं.’ अधिकारी ने बताया कि शहर के व्यस्त गोनी खान बाजार और काका सराय इलाकों में दो ग्रेनेड हमले इस बात का संकेत हैं कि बंद को जारी रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

हाल ही में बटमालू में आग लगने की घटना में क्षतिग्रस्त हुई एक दुकान के मालिक ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘हम पहले ही अपनी पूंजी गंवा चुके हैं...मैं अब कोई शारीरिक नुकसान नहीं चाहता.’’ कश्मीर में शिक्षा, सार्वजनिक परिवहन और पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हैं. स्कूल खोलने की सरकार की कोशिशें रंग नहीं ला रही हैं क्योंकि माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते. बहरहाल, बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हो रही है.

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एक बस चालक एजाज अहमद भट ने कहा, ‘‘बंद के कारण पहले ही हम भारी नुकसान उठा रहे हैं लेकिन अगर हम अपने वाहन सड़कों पर ले जाते हैं तो और बड़ा नुकसान हो सकता है. किसी यात्री वाहन पर फेंका गया एक पत्थर हजारों रुपये का नुकसान कर सकता है.’’ भट ने कहा कि वह गुजारे के लिए मजदूर के तौर पर काम कर रहे है लेकिन उससे खर्चें पूरे नहीं होंगे. उसने कहा, ‘‘मुझे वाहन की कर्ज की किस्त चुकानी है और मैं इन दिनों कुछ खास नहीं कमा पा रहा हूं. मुझे कर्ज से छुटकारा पाने के लिए बस बेचनी पड़ सकती है.’’