जम्मू-कश्मीर में 370 हटने के बाद पहली बार राज्य का बजट शुक्रवार को विधानसभा में पेश किया गया. इस बजट को सीएम उमर अब्दुल्ला ने पेश किया. इसमें पर्यटन और कृषि पर जोर दिया गया. वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट में पर्यटन, कृषि और उद्योग के जरिए आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर खास ध्यान दिया गया. कृषि के लिए कुल 815 करोड़ रुपये का प्रावधान किया. इससे 2.88 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है.
चिंताओं का समाधान किया जाएगा
उद्योग को बढ़ावा देने को लेकर सरकार 64 नए औद्योगिक एस्टेट को तैयार करने वाली है. नई नीति में खास वरीयता को देकर व्यापारियों की चिंताओं का समाधान किया जाएगा. पश्मीना के साथ सात और स्थानीय उत्पादों को उनकी सुरक्षा और संवर्धन को लेकर जीआई टैगिंग दी जाएगी. कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों को लेकर कुल 2,221.58 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है. यह 2024-25 की तुलना में 332.72 करोड़ रुपये ज्यादा है. इस बढ़ोतरी से विकास को बढ़ावा मिल सकेगा. बुनियादी ढांचे को मजबूती मिल सकेगी. किसानों की आय में सुधार होगा.
बागवानी की फसलों को अहमियत
गौरतलब है कि मौजूदा विधानसभा के अस्तित्व में आने से पहले 2019 से 2024 तक जम्मू-कश्मीर का बजट केंद्र सरकार की ओर से संसद में पेश किया जाता था. वहीं उसे मंजूरी मिलती थी. बजट में बागवानी की फसलों को अहमियत दी गई है. रकबा 3.75 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य है. इससे पांच वर्ष में उत्पादन में 15-20 प्रतिशत बढ़ सकता है. वित्त वर्ष 2026-27 तक 5,500 हेक्टेयर में उच्च/मध्यम घनत्व वाले वृक्षारोपण किया जाना हैै. 2029 तक सब्जियों और फलों के लिए नियंत्रित वातावरण वाले भंडारण क्षमता को छह लाख टन तक पहुंचाया जाएगा.
आत्मनिर्भरता में बढ़ोतरी होगी
इस बार बजट में जम्मू-कश्मीर की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ताकतवर बनाया जाएगा. इसका रोडमैप पेश किया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में 3,773.93 करोड़ रुपये प्रस्तावित रखा गया है. ये 2024-25 की तुलना में 990.04 करोड़ रुपये ज्यादा है. इससे ग्रामीण बुनियादी ढांचे, आजीविका और आत्मनिर्भरता में बढ़ोतरी होगी. पीएमएवाई-ग्रामीण के तहत 3.40 लाख मकान को स्वीकृत किया जाएगा. 50 हजार और मकान बनाने की तैयारी है.
गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग को लेकर मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. पंजीकृत होमस्टे का विस्तार होगा, जिससे रोजगार और ग्रामीण पर्यटन के अवसर अधिक होंगे. मानसबल झील में कयाकिंग, कैनोइंग और पैडल बोटिंग, रंजीत सागर झील में जेट स्कीइंग और स्पीड बोटिंग और अन्य जल पर्यटन पहल से एडवेंचर टूरिज्म का विकास किया जाएगा.