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जम्मू-कश्मीर: पाकिस्तान ने घाटी में रची टारगेट किलिंग की साजिश, BSF ने की नाकाम

 नाकाम हुई पाकिस्तान की पिस्टल वाली साजिश, बीएसएफ ने अखनूर बॉर्डर से बरामद की 4 पिस्टल और 8 मैगज़ीन, घाटी में आतंकी टारगेट किलिंग के लिए कर रहे है पिस्टल का इस्तेमाल

Updated on: 28 Sep 2021, 11:14 PM

नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर ( Jammu Kashmir ) में पाकिस्तान की तरफ से रची जा रही पिस्टल वाली साजिश को एक बार फिर नाकाम कर दिया गया है.  बीएसएफ ने अखनूर बॉर्डर से हथियारों की एक खेप पकड़ी है जो बॉर्डर के पास एक बैग में छुपा कर आतंकी भारतीय सीमा में भेजने की फिराक में थे.  इससे पहले आतांकियो के मददगार इसे आगे ले पाते.  बीएसएफ को मिले इनपुट्स के बाद इस बैग को इंटरनेशनल बॉर्डर ( international border ) की जीरो लाइन से बरामद कर लिया गया.

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बीएसएफ को बैग में से चार पिस्टल बरामद हुई जिनमें मेड इन पाकिस्तान और मेड इन चाइना लिखा हुआ है. इन पिस्टल के साथ बीएसएफ ने आठ मैगजीन भी बरामद की हैं और साथ ही कई  बुलेट भी इसके इलावा बीएसएफ को इस बैग से मिली है. इसके अलावा ₹275000 फेक करेंसी भी बरामद हुई है. बीएसएफ ने इसी बैग से 1 किलो हेरोइन को भी बरामद किया है. पिछले 1 महीने में यह दूसरा मौका है जब बीएसएफ को अखनूर सेक्टर में यह कामयाबी मिली है। इससे पहले बीएसएफ ने कुछ दिन पहले ही अखनूर की चेनाब पोस्ट से 10 किलो हेरोइन बरामद की थी.

पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर और पंजाब दोनों ही जगह से बड़ी मात्रा में हेरोइन और साथ ही हत्यारों की सप्लाई कर रहा है. इन हत्यारों में सबसे ज्यादा पिस्टल भेजी जा रही है. अगर सूत्रों की माने तो पाकिस्तान इस समय लगातार घाटी में सक्रिय उसके आतंकी और खासकर ओवरग्राउंड वर्कर्स तक बड़ी तादाद में पिस्टल पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. घाटी में पिछले कुछ दिनों में जो घटनाएं हुई हैं उसमें आतंकियों ने टारगेट किलिंग के लिए इन्हीं पिस्टल का  इस्तेमाल किया है . हाल ही में जिस सब इंस्पेक्टर को आतंकियों ने मारा था उसे मारने के लिए भी पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था.

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जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने भी इस वारदात के बाद बताया था कि किस तरीके से छोटे ग्रुप टारगेट किलिंग के लिए  पिस्टल का इस्तेमाल कर रहे हैं.ऐसे में लगातार देखा जा रहा है कि बॉर्डर पार से पाकिस्तान ड्रोन और साथ ही साथ घुसपैठ के जरिए भारतीय सीमा में पिस्टल पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. हाल ही में एक पुलिस की रिपोर्ट भी सामने आई थी जिसमें इस बात का खुलासा हुआ था कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की तादाद करीब 250 की है. लेकिन जो ओवर ग्राउंड  वर्कर आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे हैं उनकी तादाद 9 गुना ज्यादा है. ऐसे में बॉर्डर पर बैठे आतंकी इन्हीं ओसीडब्ल्यू तक छोटे हथियार पहुंचाने का काम कर रहे हैं और इसमें सबसे बड़ी तादाद चीन और पाकिस्तान में बनी पिस्टल की है. सुरक्षा जानकारों के मुताबिक आतंकियों के लिए काम कर रहे ओजीडब्लू के लिए पिस्टल और ग्रनेड  जैसे हथियारों को अपने साथ ले जाना काफी आसान होता है। ऐसे में पाकिस्तान बड़े पैमाने पर पिस्टल जैसे हत्यार इन आतंकवादियों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.