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जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के पास थे IED और बुलेटप्रूफ गाड़ियों को भेदने वाली गोलियां, टला बड़ा खतरा

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू शहर से करीब 28 किलोमीटर दूर नगरोटा के समीप बान टोल प्लाजा में पुलिस के साथ भीषण मुठभेड़ में आतंकवादी मारे गए थे

Updated on: 01 Feb 2020, 12:54 PM

जम्मू:

जम्मू में एक टोल प्लाजा के समीप मुठभेड़ में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक होर्डिंग के नीचे इम्प्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) छोड़ दिया था जिसका उपयोग एक अन्य आतंकवादी सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए करता. पुलिस ने शनिवार को बताया कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के पास तीसरे चरण के बुलेटप्रूफ वाहनों को भेदने वाली गोलियां भी थी. पुलिस और अन्य सुरक्षा बल इन वाहनों का इस्तेमाल करते हैं. शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गोला बारुद भारी मात्रा में था और इससे गंभीर खतरा हो सकता था.

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू शहर से करीब 28 किलोमीटर दूर नगरोटा के समीप बान टोल प्लाजा में पुलिस के साथ भीषण मुठभेड़ में आतंकवादी मारे गए थे. उन्होंने बताया कि तीनों आतंकवादियों को मार गिराने के बाद अभियान बंद कर दिया गया लेकिन इलाके में तलाश अब भी की जाएगी. उन्होंने बताया कि ट्रक से आए आतंकवादियों के पास राजमार्ग पर सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए सीमा पार से आया शक्तिशाली आईईडी था. अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने राजमार्ग पर एक होर्डिंग के पास इसे रख दिया जिसका इस्तेमाल उनके मॉड्यूल के एक तीसरे शख्स को करना था जो अभी जम्मू में है. ट्रक चालक समीर डार, कंडक्टर आसिफ मलिक और आतंकवादी समूह के अन्य सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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तीनों से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर पुलिस के एक दल और बम निरोधक दस्ते ने कार्रवाई की और आरडीएक्स, ग्रेनेड और अन्य सामान से फिट किए गए आईईडी को निष्क्रिय कर दिया. यह आईईडी जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगरोटा में एक होर्डिंग के नीचे रखा गया था. उन्होंने बताया कि जम्मू में जैश-ए-मोहम्मद के उस आतंकवादी का पता लगाने की कोशिश की जा रही है जिसने सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए आईईडी लगाया था. जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के पास अमेरिका निर्मित एक स्नाइपर राइफल, छह राइफल, पांच पिस्तौल, 11 हथगोले, विस्फोटक और उपग्रह संचार फोन और जीपीएस भी थे. अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में आतंकवादियों ने पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला करने की पांच घटनाओं में एम4 स्नाइपर राफइल का इस्तेमाल किया था. उन्होंने बताया कि अगर एम4 कार्बाइन फिर से आतंकवादियों के हाथों में आ जाती तो यह सुरक्षाकर्मियों के लिए विध्वंसकारी साबित हो सकती है.

अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों के हैंडलर समीर डार, सरताज अहमद मंटू और आसिफ मलिक समेत उनके सक्रिय सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ के लिए सुरक्षित स्थान पर भेजा जाता है. सभी पुलवामा के ककपोरा के रहने वाले हैं. वे घाटी में अशांति पैदा करने की जैश-ए-मोहम्मद की साजिश का हिस्सा थे. समीर 14 फरवरी को पुलवामा में हुए हमले के मास्टरमाइंड आदिल डार का रिश्ते का भाई है. समीर का भाई मंजूर मलिक लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी था और 2016 में दक्षिण कश्मीर में मारा गया था.

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अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और सुरक्षाबलों ने गत रात रहमबल तथा उधमपुर से पांच और ट्रक चालकों को हिरासत में लिया। उनमें से दो ने समीर डार को फोन किया था लेकिन अपराध में उन सभी की संलिप्तता की जांच की जा रही है. पुलिस ने बताया कि ऐसा संदेह है कि आतंकवादी कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में दयालचक इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ करके आया होगा और ट्रक चालकों ने हमला करने के लिए शुक्रवार देर रात दो बजे उन्हें बिठाया होगा. उन्होंने बताया कि यह आतंकवादी समूह श्रीनगर जा रहा था जब पुलिस ने शुक्रवार को सुबह पांच बजे उन्हें प्लाजा पर रोक लिया था.