एक तरफ जहां भारत प्रशासित कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियां लगातार तैनात की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में वायुसेना और आर्मी को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए श्रीनगर पहुंचे हैं. घाटी में अतिरिक्त कंपनियां की लगातार हो रही तैनाती से किछ बड़ा होने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
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खबरों की मानें तो कई दरगाहों, मस्जिदों और अदालतों से भी सुरक्षा घटाकर जवानों को अपने पुलिस लाइन में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात कुछ जवानों को भी दूसरी जगह भेजे जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ अमरनाथ यात्रा 4 अगस्त तक स्थगित है.
कश्मीर में पैदा हो रहे इन हालातों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी हैरानी जताई है. उन्होंने ट्वीट करते हुए पूछा- कश्मीर में हो क्या रहा है. कश्मीर में 'चल रहे हालातों' के लिए सेना और वायु सेना को अलर्ट पर रखने की क्या वजह हो सकती है. ये सब 35A या परिसीमन को लेकर नहीं है. अगर वास्तव में ऐसा कोई अलर्ट जारी किया गया है तो सचमुच कुछ बड़ा होने वाला है.
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वहीं दूसरी तरफ सूत्रों के हवालों से बताया जा रहा है कि घाटी में जारी एयरफोर्स का फ्लाइंग ऑपरेशन एक सामान्य गतिविधि है.
इससे पहले पिछले हफ्ते भी जम्मू-कश्मीर में 10 हजार जवानों की अतिरिक्त तैनाती के साथ ही सेना को भी अलर्ट कर दिया गया था. उस वक्त भी यही कयास लगाए जा रहे थे कि कि कश्मीर में किसी बड़े अभियान की तैयारी है. कश्मीर में 10 हजार जवानों को तैनात करने का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के कश्मीर दौरे के दो दिन बाद लिया गया था. हालांकि उस समय कहा गया था कि घाटी में आतंकी इस समय कमजोर पड़ने लगे हैं. ऐसे में आतंक विरोधी कार्रवाई को और मजबूत करने के लिए सुरक्षाबलों की कंपनियां तैनात की जा रही हैं.