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गृहमंत्री ने कहा-विपक्ष का आरोप गलत,कश्मीर में आतंकी घटनाओं में आयी कमी

गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार यूपीए सरकार के दौरान 2004-2014 तक प्रतिवर्ष कश्मीर में 208 लोगों को आतंकी मौत के घाट उतार देते थे. जबकि 2014 से सितंबर 2021 तक कुल 239 लोगों की जान गयी.

Updated on: 24 Oct 2021, 04:09 PM

highlights

  • धारा-370 को हटाने के बाद से घाटी में सक्रिय आतंकी समूह एक बार फिर सक्रिय हो गये
  • 2004-2014 तक प्रतिवर्ष कश्मीर में 208 लोगों को आतंकी मौत के घाट उतार देते थे
  • गृह मंत्रालय का कहना है कि कानून-व्यवस्था से लेकर हर मामले में पहले की अपेक्षा सुधार

 

नई दिल्ली:

कश्मीर घाटी में पाक समर्थित आतंकी समूहों द्वारा निरीह नागरिकों की हत्याओं की घटना बढ़ गयी है. घाटी में आतंकी आम नागरिकों और प्रवासी मजदूरों को निशाना बना रहे है. लेकिन केंद्र सरकार का दावा है कि धारा-370 हटाने के बाद घाटी में आतंकी गतिविधियों में कमी आयी है.राजनीतिक दलों का आरोप है कि वर्तमान में कश्मीर की हालत बेहद खराब है और जम्मू-कश्मीर से धारा-370 को हटाने के बाद से घाटी में सक्रिय आतंकी समूह एक बार फिर सक्रिय हो गये हैं. और जम्मू-कश्मीर की हालत पहले से खराब हुई है. केंद्र सरकार को वहां के लोगों से बात कर कोई समाधान निकालना चाहिए.

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विपक्ष के आरोपों के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अह जवाब दिया है. गृह मंत्रालय का कहना है कि कानून-व्यवस्था से लेकर हर मामले में पहले की अपेक्षा सुधार हुआ है. गृह मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि "कुछ लोग सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं. 2004-14 के बीच, 2081 लोगों ने अपनी जान गंवाई, प्रति वर्ष 208 लोग मारे गए. 2014 से सितंबर 2021 तक 239 लोगों ने अपनी जान गंवाई. हम संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि हम ऐसी स्थिति बनाना चाहते हैं जहां किसी की जान न जाए और आतंकवाद पूरी तरह से समाप्त हो जाए." 

गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार यूपीए सरकार के दौरान 2004-2014 तक प्रतिवर्ष कश्मीर में 208 लोगों को आतंकी मौत के घाट उतार देते थे. जबकि 2014 से सितंबर 2021 तक कुल 239 लोगों की जान गयी. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ लोग जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा का मामला उठाते रहे हैं. आरोप लगता रहा है कि घाटी की स्थिति बदतर हुई है. लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि सच क्या है.