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श्रीनगर के पास मुठभेड़ में हिज्बुल सरगना ढेर, पुलिस ने बताई बड़ी कामयाबी

जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के बाहरी इलाके में रविवार को सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना सैफ-उल-इस्लाम मीर को मार गिराया.

Updated on: 01 Nov 2020, 11:54 PM

श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के बाहरी इलाके में रविवार को सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना सैफ-उल-इस्लाम मीर को मार गिराया. पुलिस के अनुसार यह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है. एक अधिकारी ने बताया कि मीर (31) को डॉ सैफुल्लाह और गाज़ी हैदर के नाम से भी जाना जाता था. उसने इस साल मई में रियाज नाइकू के मारे जाने के बाद संगठन की कमान अपने हाथ में ले ली थी. उन्होंने बताया कि वह घाटी में सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक था और सुरक्षा बलों पर कई आतंकी हमलों में शामिल था. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि यहां पुराने हवाई अड्डे के पास रंग्रेथ इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने पर सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी की और तलाशी अभियान चलाया.

प्रवक्ता ने बताया कि इस अभियान के दौरान आतंकवादी की मौजूदगी का पता लगा और उसे आत्मसमर्पण करने का मौका दिया गया लेकिन उसने इससे इनकार करते हुए बल पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि बल ने इसका जवाब दिया और मुठभेड़ शुरू हो गई, जिसमें आतंकवादी मारा गया. मुठभेड़ स्थल से उसके शव को निकाल लिया गया है. प्रवक्ता ने बताया कि मृत आतंकवादी की पहचान सैफ-उल-इस्लाम मीर उर्फ डॉ सैफुल्लाह उर्फ गाज़ी हैदर के तौर पर हुई है. वह दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के मलंदपोरा का रहने वाला था. उन्होंने बताया कि पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, मीर हिज्बुल मुजाहिदीन का प्रमुख कमांडर था. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मीर 2014 से सक्रिय था और वह हिज्बुल के मृत कमांडर बुरहान वानी के साथ भी लंबे अरसे तक जुड़ा रहा था.

सिंह ने कहा कि उसे मार गिराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी है. डीजीपी ने कहा, “ आज हमने एक कामयाब अभियान चलाया, जिसमें शीर्ष कमांडर (सैफुल्लाह), आप उसे हिज्बुल मुजाहिदीन का नंबर एक कमांडर भी कह सकते हैं, को मार गिराया. कई परिवारों को राहत मिली होगी, क्योंकि वह कई लोगों की हत्याओं में शामिल था. वह अक्टूबर 2014 से सक्रिय था और बुरहान वानी से लंबे वक्त तक जुड़ा रहा. ’’ उन्होंने बताया कि मीर, संगठन की कमान अपने हाथ में लेने से पहले भी सबसे खूंखार आतंकवादियों में से एक था. डीजीपी ने बताया, “ उसने तीन पुलिस कर्मियों समेत कई बेगुनाह लोगों की हत्या की थी. वह अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के तत्काल बाद दो ट्रक चालकों की हत्या में भी शामिल था. उसने कुलगाम में हाल में एक सरपंच पर हमला किया था, मगर वह बच गए. ’’ सिंह ने बताया, “ इस हफ्ते के शुरू में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या में भी उसका हाथ था. वह आतंकवाद के एक दर्जन से ज्यादा मामलों में शामिल था और उसने छह से ज्यादा लोगों की हत्या की थी.’’

उन्होंने बताया कि वह कई ग्रेनेड हमलों में भी शामिल था. पुलिस प्रमुख ने बताया कि सुरक्षा बल बीते दो दिनों से दक्षिण कश्मीर से श्रीनगर की ओर हिज्बुल कमांडर की गतिविधि पर नजर रख रहे थे. सिंह ने कहा, “ मैं अनंतनाग पुलिस को उसकी गतिविधि पर नजर रखने के लिए बधाई देता हूं. उन्होंने सूचना को श्रीनगर पुलिस के साथ साझा किया और उसे खत्म करने का अभियान चलाया गया. “ डीजीपी ने कहा कि मीर दर्जनों युवकों को आतंकवाद की राह पर ले जाने के लिए उकसाता था. डीजीपी ने कहा कि मीर का मारा जाना हिज्बुल के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि अब संगठन में कोई सरगना नहीं रहा. उन्होंने कहा कि नाइकू के बाद, हिज्बुल नेता रहित हो गया था और फिर से वह उसी स्थिति में पहुंच गया है. आतंकी संगठन के लिए यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि संगठन का मुख्य कमांडर जो हमलों की योजना बनाता था और यहां पाकिस्तान की आतंकी मशीनरी को चलाता था, उसे मार गिराया गया.

सिंह ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इस साल अबतक 200 से ज्यादा आतंकवादियों को ढेर किया है. उन्होंने बताया, “ घाटी में 190 आतंकवादियों को मारा गया और शेष को जम्मू क्षेत्र में ढेर किया गया है.’’ डीजीपी ने उन आरोपों का खंडन किया कि घाटी में मारे जाने वाले आतंकवादियों के शव परिजनों को नहीं सौंपे जाते हैं. इससे पहले कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने मठभेड़ स्थल पर पत्रकारों से कहा, ‘‘ यह पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी है. यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है.” जब उनसे यह पूछा गया कि क्या कोई अन्य आतंकवादी मुठभेड़ स्थल पर छुपा हुआ है, तो आईजी ने कहा कि एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है.