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Kashmir Target Killings: हिंदू कर्मचारियों की जिला मुख्यालयों में होगी तैनाती, LG का आदेश

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) की अध्यक्षता में बुधवार को प्रशासनिक प्रमुखों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया. सूत्र ने कहा कि उपराज्यपाल सचिवालय के भीतर...

Updated on: 01 Jun 2022, 07:46 PM

highlights

  • हिंदू कर्मचारियों की जिला मुख्यालयों पर होगी तैनाती
  • 6 जून तक सरकार कर लेगी पूरा काम
  • टारगेट किलिंग की वारदातों को देखते हुए फैसला

श्रीनगर:

कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में टारगेटेड किलिंग की बढ़ती वारदातों पर उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बड़ा फैसला किया है. अब सभी सरकारी हिंदू कर्मचारियों को जिला मुख्यालयों में तैनात किया है. हिंदू कर्मचारियों को दूर-दराज के इलाकों से हटाया जाएगा, ताकि उन्हें सुरक्षित किया जा सके. जानकारी के मुताबिक, कश्मीर संभाग में तैनात प्रधानमंत्री पैकेज कर्मचारियों और अन्य लोगों जोकि अल्पसंख्यक समुदाय से हैं, को तत्काल सुरक्षित स्थानों स्थानांतरित किया जाएगा. यह प्रक्रिया सोमवार, 6 जून तक पूरी कर ली जाएगी.

कश्मीर में बढ़ी टारगेट किलिंग की वारदातें

ये फैसला उस समय लिया गया है जब कश्मीर में टारगेट किलिंग (Target Killing) का सिलसिला बढ़ चुका है. पिछले कुछ दिनों से आतंकी लगातार कश्मीरी पंडितों को अपना निशाना बना रहे हैं. सरकारी अधिकारी राहुल भट्ट की हत्या से वो दौर शुरू हुआ था जो अभी तक थमा नहीं है. ऐसे में घाटी में कश्मीरी पंडितों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, मांग की जा रही कि उनका जम्मू में ट्रांसफर किया जाए. अब उसी मांग के बीच प्रशासन ने कश्मीर में काम कर रहे सरकारी हिंदू कर्मचारियों को ये राहत दी है. एक आंकड़े के मुताबिक, इस साल 16 लोगों की टारगेटेड किलिंग की जा चुकी है. सिर्फ मई माह में 7 ऐसी हत्याएं हुई. 

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कश्मीरी हिंदू लगातार कर रहे थे मांग

सूत्रों के मुताबिक, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) की अध्यक्षता में बुधवार को प्रशासनिक प्रमुखों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया. सूत्र ने कहा कि उपराज्यपाल सचिवालय के भीतर एक विशेष प्रकोष्ठ के अलावा, सामान्य प्रशासनिक विभाग (जीएडी) के पास शिकायतों के निवारण के लिए एक ईमेल आईडी भी उपलब्ध होगी. ऐसे मामलों और शिकायतों को गंभीरता से और प्राथमिकता के आधार पर लेने के लिए हर विभाग में निचले स्तर के अधिकारियों को संवेदनशील बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया है. बता दें कि कश्मीरी प्रवासी कर्मचारी घाटी में बढ़ रही आतंकी गतिविधियों के बाद यहां से बाहर स्थानांतरण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.