logo-image

कश्मीरी पंडितों की वापसी के तरीकों पर चर्चा करेगी सरकार, राम माधव का आश्‍वासन

माधव ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार सभी अलगाववादी और उनके साथियों को निष्क्रिय और निर्थक करने के लिए प्रयासरत हैं और विस्थापन के कारणों को दूर करने के लिए न्यायाधिकरण के गठन की संभावना तलाशने के लिए भी प्रयासरत है.

Updated on: 24 Jul 2019, 11:59 AM

highlights

  • राम माधव ने कहा- समुदाय से राय लिए बिना नहीं बनेगी पुनर्वास नीति
  • सरकार विस्‍थापित समुदाय की चिंता दूर करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध
  • सरकार पूछेगी- एक बस्‍ती में रहना चाहेंगे या तीन अलग-अलग बस्‍तियों में

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और कश्मीर मामलों के पार्टी प्रभारी राम माधव मंगलवार को वरिष्ठ कश्मीरी पंडित कार्यकतार्ओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मिले. इस दौरान उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार, कश्मीरी पंडितों का नेतृत्व करने वाले एक व्यापक समूह से सलाह मशविरा किए बिना इस विस्थापित समुदाय के लिए कोई पुनर्वास नीति लागू नहीं करेगी. कश्मीरी पंडित कार्यकर्ता उपल कौल, कमल हक, रेणुका बजाज, मनोज भान और अमित रैना मंगलवार को माधव से मिले थे.

यह भी पढ़ें : फ्लोर टेस्‍ट की गजब कहानी: कोई एक दिन का सीएम तो कहीं सरकार एक वोट से गिरी

बैठक के दौरान उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन देकर विस्थापित समुदाय के एक बड़े वर्ग की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया कि सरकार उनकी वापसी के अंतिम तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए तैयार है और कई पुनर्वास स्थानों पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.

माधव ने कहा, "सरकार विस्थापित समुदाय की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार उनके साथ इस विषय पर चर्चा जरूर करेगी कि क्या वे तीन अलग-अलग बस्तियों में लौटना चाहते हैं या एक एकल केंद्रित क्षेत्र में लौटना चाहते हैं."

यह भी पढ़ें : दरिद्र पाकिस्तान ने एक साल में रिकार्ड 16 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज लिया

इसके साथ ही माधव ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार सभी अलगाववादी और उनके साथियों को निष्क्रिय और निर्थक करने के लिए प्रयासरत हैं और विस्थापन के कारणों को दूर करने के लिए न्यायाधिकरण के गठन की संभावना तलाशने के लिए भी प्रयासरत है.