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महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'सरकार ने मुझे पासपोर्ट देने से किया मना, राष्ट्रीय सुरक्षा को बताया खतरा'

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महूबाब मुफ्ती ने रविवार को सरकार पर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार ने उनका पासपोर्ट जारी करने से इंकार कर दिया है.

Updated on: 29 Mar 2021, 11:01 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को सोमवार को अधिकारियों ने पासपोर्ट देने से मना कर दिया. पासपोर्ट अधिकारी ने महबूबा मुफ्ती को संबोधित एक पत्र में उन्हें सूचित किया है कि जम्मू-कश्मीर सीआईडी, जो कि सत्यापन के लिए नोडल एजेंसी है, ने उन्हें पासपोर्ट देने का विरोध किया है. उन्हें सूचित किया गया है कि वो इसके खिलाफ विदेश मंत्रालय में उपयुक्त प्राधिकारी के सामने अपील कर सकती हैं. वो अपने पासपोर्ट आवेदन को अस्वीकार किए जाने के फैसले के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती हैं.

मुफ्ती ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ये जानकारी साझा की.  पीडीपी चीफ ने ट्विटर पर लिखा, 'पासपोर्ट ऑफिस ने सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर मुझे पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर दिया, जिसमें इसे 'भारत की सुरक्षा के लिए हानिकारक' करार दिया गया है.' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगस्त 2019 के बाद से कश्मीर में हासिल की गई सामान्य स्थिति का स्तर है, जहां एक पूर्व मुख्यमंत्री को पासपोर्ट देना राष्ट्र की संप्रभुता के लिए खतरा हो जाता है.' 

गौरतलब है कि साल 2019  में जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को कुंद किए जाने के बाद महबूबा मुफ्ती सहित कश्मीर के कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था.

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वहीं इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को सरकार पर यह कहते हुए निशाना साधा था कि देश को भारत के संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा रहा है और असंतोष जताने वालों को अपराधी घोषित कर दिया जाता है. मुफ्ती ने यह टिप्पणी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में उनके साथ करीब साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक की गई पूछताछ के बाद की.

बता दें कि पीडीपी ने 1 मार्च, 2015 को बीजेपी के साथ गठबंधन करके जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई थी. मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे. 7 जनवरी, 2016 को सईद के निधन हो जाने के बाद, उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती ने 4 अप्रैल, 2016 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. हालांकि, बीजेपी 19 जून, 2018 को गठबंधन से अलग हो गई.