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हनुमान चालीसा-लाउडस्पीकर पर बोले आजाद- व्यवस्थाओं को छेड़ा तो भारत भारत नहीं रहेगा 

जम्मू के साइंस कॉलेज में छात्रों द्वारा मस्जिद में लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर शुक्रवार को किए गए विरोध और हनुमान चालीसा पड़ने को लेकर उठे विवाद और बाद में पुलिस द्वारा 3 छात्रों को हिरासत में लिए जाने को लेकर बाद बवाल खड़ा हो गया है.

Updated on: 21 May 2022, 04:25 PM

नई दिल्ली:

जम्मू के साइंस कॉलेज में छात्रों द्वारा मस्जिद में लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर शुक्रवार को किए गए विरोध और हनुमान चालीसा पड़ने को लेकर उठे विवाद और बाद में पुलिस द्वारा 3 छात्रों को हिरासत में लिए जाने को लेकर बाद बवाल खड़ा हो गया है. जम्मू में शनिवार को लाउडस्पीकर के खिलाफ कई संगठन सड़कों पर उतर आए और उन्होंने लाउडस्पीकर बैन करने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. जम्मू में एकजुट संगठन और शिवसेना डोगरा फ्रंट इस मुद्दे को सड़कों पर उतर आए और उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को गलत करार दिया. प्रदर्शनकारियों ने हनुमान चालीसा के विरोध में हुई पुलिस कार्यवाही पर कहा कि हनुमान चालीसा मंदिरों के शहर में नहीं पढ़ी जाएगी तो फिर कहा पड़ी जाएगी. 

वहीं, जम्मू के साइंस कॉलेज में हनुमान चालीसा को लेकर हुए हंगामे के बाद कानून व्यवस्था को देखते हुए कॉलेज में पुलिस को तैनात कर दिया गया है. पुलिस की PCR वैन लगातार कॉलेज में और होस्टल के पास गश्त कर रही है. खास तौर कॉलेज से जुड़ी मजार पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. छात्रों को भी इकट्ठा नहीं होने दिया जा रहा है. 

वहीं, कॉलेज में हनुमान चालीसा का मुद्दा तब उठा जब जम्मू के साइंस कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज के कुछ दूसरे छात्रों के साथ कॉलेज परिसर में हनुमान चालीसा पड़ना शुरू कर दिया. ये छात्र कॉलेज से जुड़ी एक मजार के साथ बनी मस्जिद से जुमा के दिन लाउड स्पीकर की आवाज़ को लेकर विरोध जता रहे थे. हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले छात्रों के मुताबिक वो काफी लंबे समय से उन्हें कॉलेज में लाउडस्पीकर के कारण पढ़ाई करने में परेशानी आती थी और वो कई बार कॉलेज प्रबंधन को इसकी शिकायत भी कर चुके थे, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं होने के बाद आखिरकार कॉलेज के छात्रों ने खुद ही फैसला किया और  इसके विरोध स्वरूप कॉलेज में हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया.  

अब इस पूरे मुद्दे पर सियासत भी शुरू हो गई है. पार्टी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे को भारत की संस्कृति के विरोध बताया है. उन्होंने कहा कि मंदिर, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थलों में जो धर्म का प्रचार करने के लिए व्यवस्था की गई उसी की वजह से भारत भारत कहलाता है, अगर ये सब बंद हो जाएगा तो भारत भारत नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि हर एक व्यक्ति को एक दूसरे के धर्म को स्वीकार करना चाहिए, यही हिंदुस्तान की असली पहचान है.

इसी बीच National conference नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने सरकार को घेरते हुए कहा कि लाउडस्पीकर पर रोक लगाने से हर धर्म के व्यक्ति के दिल को ठेस पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि सरकार को बीच का रास्ता चुनना चाहिए और लाउडस्पीकर पर blanket ban लगाने से अच्छे समय तय करना चाहिए, ताकि किसी के धर्म को ठेस ना पहुंचे. उमर अब्दुल्ला ने सरकार को सलाह दी है कि वो लाउडस्पीकर की आवाज कितनी हो वो तय करे बजाए इसके की लाउडस्पीकर बैन करे.

वहीं, मंगलवार को जम्मू मुनिसिपल कॉर्पेराशन पहले ही जम्मू में गैर कानूनी तौर पर लगाए गए लाउडस्पीकर को लेकर एक प्रस्ताव लाई थी, जिसे हाउस में पास भी कर दिया गया था. अब जल्द ही म्युनिसिपल कोऑपरेशन जिला प्रशासन को इस बाबत आदेश जारी करने के लिए लिखने वाली है. ऐसे में लाउडस्पीकर को लेकर जम्मू-कश्मीर में मोहाल लगतार गर्माने की उम्मीद है.