जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत का ब यान सामने आया है जिसमें उन्होंने इशारो ही इशारों पाकिस्तान को समझा दिया है कि अगर इस मसले पर उसकी तरफ से कोई भी कार्रवाई हुई तो भारत उसका मुहंतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है. मंगलवार को उन्होंने इस मसले पर बात करते हुए कहा, अगर विरोधी नियंत्रण रेखा को सक्रिय करना चाहता है, तो यह उसकी इच्छा है. हर कोई एहतियाती तैनाती करता है, हमें इसके बारे में बहुत चिंतित नहीं होना चाहिए. जहां तक सेना और अन्य सेवाओं का सवाल है, हमें हमेशा तैयार रहना होगा.
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जनरल बिपिन रावत का ये बयान ऐसे समय में सामने आया है जब कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर भी दिख रही है. दरअसल बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना एलओसी की ओर बढ़ रही है लद्दाक के सामने अपने एयरबेस में लड़ाकू विमानों की तैनाती कर रही है. ऐसे में बिपिन रावत ने साफ-साफ कह दिया है कि अगर पाकिस्तान एलओसी पर आना चाहता है तो वो उस पर निर्भर करता है. लेकिन हम इसके लिए अलर्ट पर है. वहीं कश्मीर के लोगों को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उनसे हमारी बातचीत पहले की तरह सामान्य है. हम उनसे बंदूक के बिना मिलते थे और उम्मीद है कि आगे भी ऐसे ही मिलते रहेंगे.
वहीं दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर को लेकर दुनिया भर में हायतौबा मचाने वाले पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहे देश पोलैंड ने स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर विवाद को द्विपक्षीय रूप से हल किया जाना चाहिए. कश्मीर पर पोलैंड का रुख इस्लामाबाद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. पाकिस्तान लंबे समय से कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश में है, लेकिन दुनिया भर में भारत की सक्रिय कूटनीति के चलते उसकी सारी कोशिशें फेल नजर आ रही हैं.
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वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन भी अब साफ-साफ कह चुका है जम्मू-कश्मीर का मसला भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है और अमेरिका अब इसमें बिल्कुल दखल नहीं देगा.