logo-image

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'कांग्रेस हो गयी है कमजोर, जनता के लिए काम करना होगा'

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. कड़े शब्दों में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए  फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कमजोर हो गई

Updated on: 23 Mar 2021, 04:39 PM

कश्मीर :

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. कड़े शब्दों में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए  फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कमजोर हो गई और अगर उसे फिर से खुद को खड़ा करना है, तो घर चारदिवारी से निकलकर जनता के लिए काम करना होगा. बता दें कि  नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कुछ ही दिन पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने देश में तीसरा मोर्चा बनाने की जरूरत पर जोर दिया था.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ''कांग्रेस कमजोर हो गई है. मैं यह काफी ईमानदारी से कह रहा हूं. अगर उन्हें देश को बचाना है तो फिर कांग्रेस को जागना होगा और मजबूत तरीके से खड़े होना होगा. उन्हें लोगों द्वारा सामना की जा रहीं दिक्कतों को भी देखना होगा. यह सब घर पर बैठकर नहीं हो सकता है'.

बता दें कि पिछले दो लोकसभा चुनाव के साथ साथ कई राज्यों के चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है. पिछले दो लोकसभा चुनावों से पार्टी का हाल बुरा है, तो वहीं, कई राज्यों में भी हार का सामना करना पड़ा है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के कांग्रेस पर निशाना साधने से पहले भी देश के राजनीति में तीसरे मोर्चे की बात चल रही है. बता दें कि लोकसभा चुनाव में मिले हार के बाद एवं  खराब प्रदर्शन से पार्टी के भीतर ही संगठनात्मक बदलाव की मांग तेज होने लगी है. कांग्रेस इस सियासी खींचतान से जूझ ही रही थी, इसी बीच कांग्रेस के शीर्ष 23 नेताओं ने पिछले साल अगस्त के महीने में चिट्ठी लिखकर हंगामा खड़ा कर दिया. चिट्ठी लिखने वाले इन्हीं नेताओं को ग्रुप-23 (G-23) कहा गया. ग्रुप-23 कहे जाने वालों में शामिल गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने चिट्ठी प्रकरण के बाद भी पार्टी नेतृत्व से चुभते सवाल पूछने बंद नहीं किए. वो लगातार पार्टी आलाकमान के फैसले नाखुश थे.

G-23 के नेताओं द्वारा लिखी गई चिट्ठी को कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर लिया था. कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी. बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की खुलकर आलोचना की थी. उन्होंने व्यापक बदलाव की मांग की थी . इसके बाद वे फिर से कांग्रेस कई नेताओं के निशाने पर आ गए थे.