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त्राल में जैश के तीन आतंकी मारे गए, सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी

जम्मू कश्मीर में एक बार फिर से आतंकी गतिविधियां सामने आई हैं. जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके में आतंकी मुठभेड़ हुई, जिसमें आज यानि शनिवार को 3 आतंकियों को घेर लिया गया.

Updated on: 21 Aug 2021, 11:37 AM

highlights

  • जम्मू कश्मीर के त्राल में आज आतंकी मुठभेड़ शुरू
  • इस मुठभेड़ में तीन आतंकी घिरे, शुक्रवार को दो का हुआ था इनकाउंटर
  • रात 9:35 पर हुई ये आतंकी घटना

श्रीनगर:

जम्मू कश्मीर में एक बार फिर से आतंकी गतिविधियां सामने आई हैं. जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके में आतंकी मुठभेड़ हुई, जिसमें आज यानि शनिवार को 3 आतंकियों को मार गिराया गया. मालूम हो कि कल यानि शुक्रवार को भी पुलवामा में ही आतंकी मुठभेड़ हुआ था, जिसमें सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया था. शुक्रवार की रात दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में आतंकियों ने शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी जावेद अहमद के घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी. घटना के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया है. इस दौरान तीन आतंकियों के घिरे होने की खबर सामने आई है. हालांकि अभी दहशतगर्दों की तलाश की जा रही है. सम्बंधित अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार की रात त्राल के लुरगाम में 35 वर्षीय जावेद अहमद अपने घर पर ही था. शुक्रवार की रात को लगभग 9:35 बजे आतंकियों ने घर में घुसकर उसे गोली मार दी और भाग निकले. 

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सर्च ऑपरेशन में मिले ये हथियार

आतंकी गतिविधियों के कारण जम्मू कश्मीर में सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ. इस सर्च ऑपरेशन में अब तक दो AK-47, एक एसएलआर (SLR) और लड़ाई के अन्य कई हथियार भी बरामद किए गए हैं. साथ ही यह बात भी सामने आई है कि पुलवामा हमलों में शामिल सैफुल्लाह उर्फ लम्बू को भी 31 जुलाई, 2021 को इसी इलाके के आस-पास ही पकड़ा गया था.

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को दिया था आतंकवाद के खिलाफ संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आतंक का अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता. उन्होंने कहा, आतंक से बने साम्राज्य कुछ समय के लिए हावी हो सकते हैं, लेकिन उनका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता क्योंकि वे हमेशा के लिए मानवता को दबा नहीं सकते हैं. पीएम मोदी की इस टिप्पणी के बाद ही शुक्रवार को देर रात 9:30 बजे यह घटना सामने आई. गुजरात के सोमनाथ मंदिर में कुछ विकास परियोजनाओं की वर्चुअल तरीके से आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी की. पवित्र मंदिर के इतिहास का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने स्मरण किया कि मंदिर को बार-बार तोड़ा गया, लेकिन हर हमले के बाद वह कैसे फिर उठ खड़ा हुआ. उन्होंने कहा, यह इस विश्वास का प्रतीक है कि असत्य कभी सत्य को पराजित नहीं कर सकता और आतंक कभी आस्था को कुचल नहीं सकता. उन्होंने कहा, जो तोड़ने वाली शक्तियां हैं, जो आतंक के बलबूते साम्राज्य खड़ा करने वाली सोच है. वह किसी कालखंड में कुछ समय के लिये भले हावी हो जाए, लेकिन उसका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता, वह ज्यादा दिनों तक मानवता को दबाकर नहीं रख सकती. यह उस समय भी सत्य था, जब कुछ आक्रमणकारी सोमनाथ के मंदिर को तोड़ रहे थे और आज भी उतना ही सत्य है, जब ऐसी सोच दुनिया के सामने खतरा बनी हुई है.