श्रीनगर में मुठभेड़, 2 से 3 आतंकी छिपे होने की खबर
पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आ रहा है. जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर मुठभेड़ की खबर सामने आ रही है. जम्मू और कश्मीर पुलिस के अनुसार, श्रीनगर के मल्हूरा परिमपोरा इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई है.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आ रहा है. जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर मुठभेड़ की खबर सामने आ रही है. जम्मू और कश्मीर पुलिस के अनुसार, श्रीनगर के मल्हूरा परिमपोरा इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई है. इसके बाद सुरक्षा बलों के जवानों ने इलाके को घेर लिया है. हालांकि, इस मुठभेड़ में किसी के मारे जाने की कोई खबर नहीं है. बताया जा रहा है कि मुठभेड़ में 2 से 3 आतंकवादी शामिल होने की खबर है. इसके बाद आतंकवादी भागकर इलाके में छिप गए हैं.
आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है कि आतंकवादियों की ओर से क्षेत्र में हमला किया गया है, बल्कि इससे पहले भी कई बार जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के जवानों को निशाना बनाया गया था. इससे पहले शोपियां जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस एनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया था.
वहीं, भारतीय सेना ने कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिका के हटने से कुछ आतंकवादी कश्मीर में घुस सकते हैं, लेकिन सुरक्षा बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. श्रीनगर स्थित 15वीं कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र प्रताप पांडे ने जेएकेएलआई रेजिमेंटल सेंटर में एक पासिंग आउट परेड के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग जो तथाकथित आजादी के शौकीन हैं, उन्हें इस बात पर विचार करना चाहिए कि एलओसी के पार और पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर क्या स्थिति है. 30 साल पहले जो कुछ भी हुआ, उससे कश्मीर के लोगों को भारी परेशानी हुई. हां, संभावना है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के बाहर निकलने से कुछ आतंकवादियों को कश्मीर में आ सकते हैं, लेकिन स्थिति वैसी नहीं है जैसी 30 साल पहले थी.'
हर दुस्साहस के लिए तैयार
हम सभी प्रयासों को विफल करने और एलओसी या भीतरी इलाकों में हर चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने कहा कि सेना के लिए पहली प्राथमिकता हमेशा पारंपरिक प्रशिक्षण है, फिर आतंकवाद विरोधी अभियान या घुसपैठ विरोधी अभियान है. 'जहां भी पुलिस को किसी भी तरह के ऑपरेशन के लिए हमारी जरूरत है हम उनके साथ शामिल हो रहे हैं. संघर्ष विराम हो या ना हो, हमारी नजर अपने दुश्मन पर टिकी हुई है. हम किसी भी दुस्साहस का सामना करने के लिए तैयार हैं चाहे वह एलओसी पर हो या भीतरी इलाकों में. हम हर स्तर पर प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए तैयार हैं.'
चीन के मद्देनजर संतुलन कायम
नवीनतम हथियारों को शामिल करने के बारे में बात करते हुए, जीओसी ने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया थी जो वार्षिक टर्नओवर का हिस्सा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि एलएसी पर चीनी स्थिति को देखते हुए, बलों का संतुलन बना हुआ है. उन्होंने कहा कि पहले नार्को-मॉड्यूल के तहत सिर्फ पैसा आता था, लेकिन अब ड्रग्स भी आ रहे हैं. उन्होंने कहा, 'जम्मू और कश्मीर पुलिस नार्को-घुसपैठ से बहुत प्रभावी ढंग से निपट रही है और बहुत सारी दवाएं जब्त की गई हैं. माता-पिता, नागरिक समाज और शिक्षकों के लिए बच्चों पर ध्यान केंद्रित करने का समय आ गया है जिससे वे नशीली दवाओं से दूर रहें.'
एलओसी पार लांच पैड सक्रिय
यह पूछे जाने पर कि क्या जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं और नई दिल्ली के बीच हालिया बातचीत का कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर कोई प्रभाव पड़ेगा, उन्होंने कहा कि सुरक्षा की स्थिति और राजनीतिक प्रक्रिया दो अलग-अलग चीजें हैं. उन्होंने कहा, 'बातचीत एक सतत प्रक्रिया है जो हमेशा चलती रहती है. सुरक्षा स्थिति एक अलग मामला है जिससे विभिन्न स्तरों पर निपटा जा रहा है.' जीओसी ने कहा कि जब तक आतंकवादी नेटवर्क समाप्त नहीं हो जाता, सुरक्षा ग्रिड की जरूरत है जिससे लोग शांतिपूर्ण माहौल में रहें. उन्होंने कहा कि इस साल अब तक शून्य घुसपैठ हुई है, लेकिन एलओसी के पार लॉन्च पैड अभी भी सक्रिय हैं.
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