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कुपवाड़ा में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ Photograph: (Social Media)
Jammu Kashmir Encounter: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो गई. जानकारी के मुताबिक, ये मुठभेड़ उत्तरी कश्मीर में कुपवाड़ा जिले के तहत नियंत्रण रेखा के साथ सटे खुरमोरा राजवार इलाके में हुई है. बताया जा रहा है कि सुरक्षा बलों को इस इलाके में कुछ आतंकियों की मौजूदगी सूचना मिली थी, इसके बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में आतंकियों की तलाश शुरू की.
इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाना शुरू कर दी. उसके बाद सुरक्षा बलों ने भी मोर्चा संभाला और इलाके की घेराबंदी की लेकिन तब तक आतंकी भाग निकले. फिलहाल सुरक्षा बल आतंकियों को पकड़ने के लिए पूरे इलाके में अभियान चला रहे हैं और चप्पे-चप्पे की तलाशी ले रहे हैं. इस बीच सूचना मिली है कि इस मुठभेड़ में एक सुरक्षा कर्मी भी घायल हुआ है. जबकि सुरक्षा बलों ने दो से तीन आतंकियों को घेर लिया है.
#WATCH | Jammu & Kashmir | Security Forces conduct cordon and search operation in Krumbhoora area of Zachaldara in Handwara District
— ANI (@ANI) March 17, 2025
Details awaited.
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पिछले साल घाटी में मारे गए थे 75 से ज्यादा आतंकी
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आए दिन सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं होती रहती हैं. बीते साल ही सुरक्षा बलों ने ऐसी ही मुठभेड़ों में 75 से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतारा था. इन मारे गए आतंकियों में से 60 फीसदी आतंकी पाकिस्तान के थे. दिसंबर में सेना के अधिकारियों ने बताया था कि आतंकवादियों को पाकिस्तान की ओर से बढ़ावा देने की बात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि राज्य से केवल 4 स्थानीय युवाओं को आतंकवादी संगठन भर्ती करने में सफल रहा है. बीते साल भारतीय सुरक्षा बलों ने हर 5वें दिन एक आतंकी को मारने में सफलता पाई थी.
घुसपैठ की कोशिश के दौरान मारे गए 17 आतंकी
साल 2024 में नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर घुसपैठ की कोशिश के दौरान सुरक्षा बलों ने 17 आतंकवादियों को मार गिराया था. वहीं जम्मू-कश्मीर के आंतरिक इलाकों में हुई मुठभेड़ के दौरान 26 आतंकवादी को मौत के घाट उतारा था. पिछले साल अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए आतंकियों में 42 गैर-स्थानीय नागरिक थे, जबकि बाकी आतंकी जम्मू क्षेत्र के पांच जिलों, जम्मू, उधमपुर, कठुआ, डोडा और राजौरी के रहने वाले थे.